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नवंबर तक जलवायु समझौते को लागू करवाना चाहता है फ्रांस

संयुक्त राष्ट्र : फ्रांस की पारिस्थितिकी मंत्री सेगोलीन रॉयल ने कहा है कि वह चाहती हैं कि पेरिस जलवायु समझौता मोरक्को में जलवायु वार्ताओं का नया चरण शुरू होने से ठीक पहले यानी नवंबर तक लागू हो जाए. रॉयल ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लक्ष्य वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते पर चचार्च करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2016 12:14 PM

संयुक्त राष्ट्र : फ्रांस की पारिस्थितिकी मंत्री सेगोलीन रॉयल ने कहा है कि वह चाहती हैं कि पेरिस जलवायु समझौता मोरक्को में जलवायु वार्ताओं का नया चरण शुरू होने से ठीक पहले यानी नवंबर तक लागू हो जाए. रॉयल ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लक्ष्य वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते पर चचार्च करने के लिए कल न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने समझौते के ‘क्रियांवयन में तेजी’ लाने का आह्वान किया. रॉयल ने कहा, ‘मैं चाहूंगी कि समझौते को सात नवंबर को शुरू होने वाले माराकेच सम्मेलन से पहले लागू कर लिया जाए.’

अभी तक फ्रांस और द्वीपीय देशों समेत सिर्फ 19 देशों ने ही समझौते का अनुमोदन किया है. ये वे द्वीपीय देश हैं जो समुद्र के बढते जलस्तर के कारण खतरे में हैं. यह समझौता तब तक प्रभावी नहीं हो सकता जब तक वैश्विक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के 55 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार 55 देश इसे पूरी तरह मंजूर नहीं कर लेते. संयुक्त राष्ट्र पेरिस समझौते के अनुमोदन के लिए देशों पर दबाव बनाने के लिए 21 सितंबर को एक अंतरराष्ट्रीय सभा आयोजित कर रहा है.

रॉयल ने कहा कि देशों से पूछा जाएगा कि वे समझौते को पूरी तरह अंगीकार करने के अपने इरादे का ‘सबूत’ दें. उन्होंने कहा, ‘हम इच्छा जताने वाले बयानों से अब और समय तक संतुष्ट नहीं होंगे.’ अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र हस्ताक्षर समारोह के दौरान दुनिया के सबसे बडे प्रदूषकों यानी अमेरिका और चीन समेत कुल 177 देशों और पक्षों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

वाशिंगटन और बीजिंग ने इस साल जलवायु समझौते को अंगीकार करने का संकल्प लिया है.पेरिस समझौता पूर्व औद्योगिक काल के स्तरों की तुलना में ग्लोबल वॉर्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम और संभव हो तो डेढ डिग्री सेल्सियस पर रखने का आह्वान करता है.

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