‘मोदी और ट्रंप में खूब बनेगी’
अमरीकी कारोबारी डॉनल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए नामांकन स्वीकार कर लिया है. इस मौक़े पर उन्होंने वादा किया कि अमरीका से वो अपराध और हिंसा ख़त्म कर देंगे. क्लीवलैंड में भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि क़ानून और व्यवस्था के बिना कोई समृद्धि नहीं आ सकती […]
अमरीकी कारोबारी डॉनल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए नामांकन स्वीकार कर लिया है.
इस मौक़े पर उन्होंने वादा किया कि अमरीका से वो अपराध और हिंसा ख़त्म कर देंगे.
क्लीवलैंड में भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि क़ानून और व्यवस्था के बिना कोई समृद्धि नहीं आ सकती है.
उन्होंने गैरक़ानूनी आप्रवासन के खिलाफ़ कड़े क़दम उठाने का वादा किया.
ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को भ्रष्ट कहा और खुद को अमरीका के भूले बिसरे लोगों की आवाज़ बताया.
डॉनल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उस नीति की निंदा की जिसके तहत इराक़, लीबिया, मिस्र और सीरिया में सत्ता परिवर्तन कराया गया था. उन्होंने उसे नाकाम राष्ट्र निर्माण करार दिया. उन्होंने कहा कि वो अमरीका के उन सभी सहयोगियों के साथ काम करेंगे जो चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट को ख़त्म करना चाहते हैं.
डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान में सबसे ज़्यादा चंदा देने वालों में भारतीय मूल के अमरीकी उद्योगपति और रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन के संस्थापक शलभ कुमार डॉनल्ड भी हैं.
इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी ने डॉनल्ड ट्रंप को अपना उम्मीदवार चुन लिया है.
शलभ या शल्ली कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी माने जाते हैं. पिछले हफ़्ते उनकी डॉनल्ड ट्रंप से मुलाक़ात हुई.
वे डॉनल्ड ट्रम्प का समर्थन क्यों कर रहे हैं और ट्रंप खासतौर पर भारत, पाकिस्तान के बारे में क्या सोचते हैं? बीबीसी ने उनसे बात की.
ट्रम्प में क्या ख़ास बात दिखी आपको?
वे कोई पारंपरिक राजनेता नहीं हैं. वे एक बिजनेसमैन हैं. नेता बोलते कुछ हैं करते कुछ हैं, लेकिन ट्रंप में ऐसी कोई बात नहीं है. मैं जब उनसे मिला तो लगा ही नहीं कि किसी नेता से बात कर रहा हूं. ऐसा लग रहा था जैसे फ़ोर्ड या जनरल मोटर्स के सीईओ से बात कर रहा हूं.
डॉन्लड ट्रंप भारत को किस नज़रिए से देखते हैं?
उऩका मानना है कि भारत और अमरीका दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और इन दोनों देशों को सबसे मज़बूत साथी होना चाहिए.
आपकी उनसे पाकिस्तान के बारे में क्या बात हुई?
हमारी कंपनी में बहुत से पाकिस्तानी-अमरीकी काम करते हैं. वे भी वही चाहते हैं जो भारतीय-अमरीकी चाहते हैं. उन्हें भी संपन्नता चाहिए, आईफ़ोन और ऐसी चीज़ें चाहिए. वे चरमपंथ के बारे में नहीं सोचते. लेकिन पाकिस्तान की सरकार की सोच अलग है.
ये तो आपकी राय है. लेकिन ट्रम्प ने इस बारे में क्या कहा?
पाकिस्तान को वो भरोसेमंद साथी नहीं समझते. पाकिस्तान में बदलाव आना चाहिए.
मुसलमानों के अमरीका में प्रवेश पर पाबंदी लगाने के बारे में क्या बात हुई?
ट्रंप ने बताया कि उनके बयान को ग़लत समझा गया है. उनका बयान केवल धर्म के बारे में नहीं है. इस्लाम में जिन नियमों को माना जा रहे है उसमें बदलाव होना चाहिए. जैसे कि मदरसे नहीं बनाए जाने चाहिए, लोगों को आईफ़ोन (तकनीक) की जानकारी देनी चाहिए.
क्या अमरीका में वे हिंदू समुदाय को इसलिए अच्छे लग रहे हैं कि उन्होंने मुसलमानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात की?
वो ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने ये स्वीकार किया कि इस्लामिक चरमपंथ को वहीं पर ख़त्म करना चाहिए जहां से वो शुरू होता है. इसलिए लोगों को वो अच्छे लगते हैं.
आप मोदी के करीबी माने जाते हैं. क्या मोदी और ट्रंप में बनेगी?
मोदी और ट्रंप में खूब बनेगी क्योंकि मोदी का दिमाग भी बिजनेसमैन की तरह काम करता है. उनका चुनावी घोषणा पत्र रिपब्लिकन पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र से मिलता-जुलता है. दोनों का व्यक्तिक्व एक जैसा है.
ये दोनों मज़बूत दक्षिणपंथी माने जाते हैं और आपका दोनों से लगाव है, ऐसा क्यों?
क्योंकि ये दोनों समस्याओं को हल करेंगे, ना कि केवल समस्याओं पर बात करेंगे.
(बीबीसी संवाददाता ब्रजेश उपाध्याय से ख़ास बातचीत पर आधारित)
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