म्यूनिख : म्यूनिख में अंधाधुंध गोलीबारी कर नौ लोगों की जान लेने वाला किशोर हमलावर बड़ी संख्या में लोगों को उसी तरह माना चाहता था जिस तरह नार्वे में दक्षिणपंथी उन्मादी एंडर्स बेहरिंग ब्रीविक ने लोगों की जान ली थी. पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस किशोर उग्रवादी का इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह से कोई संबंध नहीं था. करीब एक सप्ताह की अवधि में इस महाद्वीप पर हुए इस तीसरे हमले से यूरोप हतप्रभ है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को 18 वर्षीय डेविड अली सोनबोली ने एक शॉपिंग सेंटर में अंधाधुंध गोलीबारी की और फिर खुद को भी गोली मार ली थी. ऐसा लगता है कि यह सोचासमझा हमला था. अधिकारियों का कहना है कि जर्मन ईरानी छात्र सोनबोली मानसिक समस्या से ग्रस्त था. गृह मंत्री थॉमस दे मेजियरे ने बताया कि किशोर ने शायद एक लडकी का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया था और उसके जरिये मैकडोनल्ड के उस आउटलेट के पीडितों को लुभा रहा था जहां उसने गोलीबारी की थी.
म्यूनिख के पुलिस प्रमुख ह्यूबेर्तस एंड्री ने बताया ‘घटना से इस्लामिक स्टेट का कोई संबंध नहीं है.’म्युनिख पुलिस ने कहा कि यहां एक शॉपिंग मॉल में गोलीबारी करने वाला बंदूकधारी 18 वर्षीय एक जर्मन-ईरानी था जिसकी मंशा पूरी तरह अस्पष्ट था. वहीं, इस मामले में अभियोजक ने कहा है कि गनमैन डिप्रेशन से ग्रस्त था. पुलिस ने कहा है कि वह विक्षिप्त है.
पुलिस प्रमुख ह्यूबर्ट्स एंड्री ने इस नरसंहार के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमलावर म्यूनिख का रहने वाला 18 वर्षीय जर्मन-ईरानी था. ‘इस नरसंहार में बंदूकधारी समेत 10 लोगों की जान गयी. पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘इस वारदात की मंशा या वजह पूरी तरह अस्पष्ट है.’ उन्होंने यह भी कहा है कि गनमैन के आतंकी संगठन आइएस से लिंक होने के सबूत भी नहीं मिले हैं.