आतंकवादियों को प्रश्रय देने वालों को अलग-थलग किया जाए : भारत
बैंकॉक : राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद को सिरे से खारिज किए जाने की जोरदार पैरवी करते हुए भारत ने आज कहा, आतंकवादियों को प्रश्रय देने वालों को अलग-थलग किया जाना चाहिए. साथ ही आतंकवाद को रोकने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था बनाना महत्वपूर्ण है. विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने लाओस की राजधानी विएनतेन में […]
बैंकॉक : राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद को सिरे से खारिज किए जाने की जोरदार पैरवी करते हुए भारत ने आज कहा, आतंकवादियों को प्रश्रय देने वालों को अलग-थलग किया जाना चाहिए. साथ ही आतंकवाद को रोकने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था बनाना महत्वपूर्ण है.
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने लाओस की राजधानी विएनतेन में आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की 14वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आतंकवाद का मुकाबला करना उस वक्त जरुरी है जब हमारे क्षेत्र सहित पूरी दुनिया में आतंकी हमले बढ रहे हैं. हाल में जकार्ता, बैंकॉक, पठानकोट, ढाका और काबुल में हुए हमले प्रमुख हैं.”
उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसी मजबूत अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था बनाना जरुरी है जो आतंकवाद के प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष समर्थन को लेकर बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति, प्रत्यर्पण अथवा मुकदमा चलाने की मानक को अपनाने, आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच से जुड़े देशों के बीच बाध्यकारी समन्वय सुनिश्चित करने पर आधारित हो.”
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा सहयोग को प्रगाढ़ बनाना राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह खारिज करने, आतंकवादियों को प्रश्रय, सहयोग देने या प्रायोजित करने वालों को अलग-थलग करने तथा आतंक के षणयंत्रकारियों, साजिशकर्ताओं, वित्तीय मदद देने वालों और प्रायोजकों को त्वरित न्याय के जद में लाने पर आधारित होना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र में ‘कंप्रहेंसिव कंवेशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म’ को तत्काल अंतिम रुप देने के लिए देशों की ओर से कदम उठाने की जरुरत का उल्लेख करते हुए सिंह ने आसियान देशों का आह्वान किया कि वे इसको जल्द अनुमोदित कराने के लिए सहयोग करें.
उन्होंने कहा कि भारत कट्टरपंथ को रोकने और कट्टरपंथ से मुक्ति को बढ़ावा देने को लेकर आसियान-भारत सम्मेलन की मेजबानी करना चाहेगा ताकि भारत के अनुभव को साझा किया जा सके और आसियान देशों खासकर मलेशिया के अनुभव का लाभ लिया जा सके.विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि इसी क्रम में भारत इंडोनेशिया के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ आसियान क्षेत्रीय मंच की बैठक करेगा.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आसियान देशों के साथ भारत का संबंध उसकी विदेश नीति की आधारशिला और ‘ईस्ट ऐक्ट नीति’ की बुनियाद है. सिंह ने कहा, ‘‘हम आपके साथ हमारे संबंधों की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं ताकि हमारे देशों और इस पूरे क्षेत्र में साझा प्रगति एवं विकास हो सके.”