इंडोनेशिया में ड्रग मामले में मौत की सज़ा पाने वाले 14 में एक भारतीय की मौत की सजा टल गई है.
जबकि इनमें से चार को मृत्युदंड दे दिया गया है.
गुरदीप सिंह पंजाब के रहने वाले हैं.
गुरदीप के भांजे गुरपाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार को अभी किसी तरह की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि आगे क्या होगा.
गुरपाल सिंह के अनुसार गुरुवार की रात इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास के काउन्सिलर ने पहले बताया कि गुरदीप सिंह को गोली मार दी गई है और फिर 20 मिनट बाद जानकारी दी गई कि वो सुरक्षित हैं.
गुरपाल सिंह के अनुसार, "ये मामला काफी पहले तब शुरू हुआ जब गुरदीप को एजेंट की मदद से इंडोनेशिया से न्यूजीलैंड जाना था. इंडोनेशिया में एजेंट ने पासपोर्ट रख लिया और उन्हें न्यूजीलैंड लेकर नहीं गए. उनसे वहां जबरदस्ती ड्रग सप्लाई का काम करवाने लगे."
उन्होंने बताया, "गुरदीप सिंह 2004 में पकड़े गए और उन्हें 2005 में सजा हुई. तभी से वे जेल में थे."
गुरदीप सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुजारिश की है कि गुरदीप पहले ही 10 साल सजा काट चुके हैं तो उनकी सजा को बदल दिया जाए
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है, "हम गुरदीप सिंह की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. भारतीय दूतावास का एक अधिकारी खासतौर से इस कोशिश में लगा हुआ है."
इंडोनेशिया में ड्रग्स से जुड़े कुछ क़ानून दुनिया में सबसे ज्यादा कड़े हैं.
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