दक्षिण चीन सागर पर तकरार के बीच युद्ध के लिए तैयार हो रही है चीन की सेना

बीजिंग : दक्षिणी चीन समुद्र को लेकरबढ़ते तनाव के बीच चीन की सेना की युद्धक क्षमता बढाने के लिए इसमें आमूलचूल परिवर्तन किये जा रहे हैं. राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने चीन की 23 लाख कर्मियों वाली जन मुक्ति सेना यानी पीएलए को युद्ध जीतने के लिए कठिन प्रशिक्षण पर जोर दिया तथा बल अपने उच्च […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2016 9:00 PM

बीजिंग : दक्षिणी चीन समुद्र को लेकरबढ़ते तनाव के बीच चीन की सेना की युद्धक क्षमता बढाने के लिए इसमें आमूलचूल परिवर्तन किये जा रहे हैं. राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने चीन की 23 लाख कर्मियों वाली जन मुक्ति सेना यानी पीएलए को युद्ध जीतने के लिए कठिन प्रशिक्षण पर जोर दिया तथा बल अपने उच्च प्रौद्योगिकी वाले शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है. पीएलएल के गठन के कल 89 वर्ष हो जाएंगे.

शी ने पिछले चार साल में पीएलए को शीर्ष से लेकर नीचे तक फिर से व्यवस्थित किया है. विश्व का सबसेबड़ा सशस्त्र बल अपनेपड़ोस में उतार-चढ़ाव भरे माहौल के बीच अपना प्रमुख शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहा है. संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध दक्षिणी चीन सागर पर चीन के दावे के बारे में अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले के बाद से उसके पड़ोस का माहौल उतार-चढ़ाव भरा हो गया है.


सेना पर पकड़ बना कर शी बढ़ा रहे अपनी ताकत

शी ने कहा था कि सुधार एक व्यापक एवं क्रांतिकारी बदलाव है तथा सुधारात्मक उपायों को रोकने वाली अड़चनों और नीतिगत मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि ताकि एक मजबूत सशस्त्र बल का निर्माण किया जा सके जो चीन के अंतरराष्ट्रीय दर्जे के अनुरूप हो. शी चीनी सेना पर अपनी पकड़ को मजबूत बना रहे हैं ताकि वह हाल के समय में एक मजबूत शक्तिशाली चीनी नेता के रूप में उभर सकें.

अमेरिका के बाद सर्वाधिक बजट

पीएलएल सत्तारुढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तहत परिचालित होती है. यह अन्य सेनाओं की तरह नहीं होती जो सीधे सरकार के तहत काम करती हैं. पीएलए का अब 145 अरब डाॅलर का वार्षिक बजट है तथा इससे अधिक बजट केवल अमेरिका का है.

शी ने किया ध्यान केंद्रित

शी ने 2013 में सत्ता संभालने के बाद अपना ध्यान पीएलए पर केन्द्रित किया था. शी चाहते हैं कि सेना पार्टी के कमान के तहत काम करे, युद्ध जीतने के लिए अपनी क्षमताएं बढाये तथा भ्रष्टाचार को समाप्त कर अपने कामकाज की शैली में सुधार लाए.

सेना के दो सेवानिवृत्त प्रमुखों सहित 40 शीर्ष कमांडरों के खिलाफ जांच चल रही है. पीएलए में भ्रष्टाचार व्याप्त है तथा जनरलों पर आरोप है कि वह ऊंची रिश्वत लेकर रैंक बेचते हैं.

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