नयी दिल्ली : बुधवार को राज्य सभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित होना अप्रत्यक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स) सुधार के दिशा में ये एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है. यह विधेयक साल 2010 से ही सदन में लंबित था. राज्य सभा में पारित होने के बाद ये विधेयक दोबारा लोक सभा में पेश किया जाएगा ताकि ऊपरी सदन द्वारा किए गए संशोधनों पर लोक सभा में सहमति मिल सके. मूल विधेयक लोक सभा में मई 2015 में पारित हुआ था. आइए जानते हैं आपके सरोकार की चीजें जो इस बिल में हैं और जो आप जानना चाहते हैं….
क्या है जीएसटी
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है. जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाये जाते हैं. जीएसटी लागू हो जाने के बाद हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक कर लगेगा. वैट, एक्साइज और सेवा कर का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा.
क्या होंगे इसके फायदे
अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बना कर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते हैं, जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है. जीएसटी लागू होने से कीमत कम होगी. देश में अभी 17 अप्रत्यक्ष कर लगते हैं. उनकी जगह सिर्फ एक जीएसटी लगेगा. इससे कंपनियों व कारोबारियों को बार-बार टैक्स देने का झंझट खत्म होगा, जिससे उनकी लागत भी कम हो जायेगी.
कौन-कौन से कर खत्म हो जायेंगे
केंद्रीय स्तर पर : केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और सीमा शुल्क का विशेष अतिरिक्त शुल्क.
राज्य स्तर पर
राज्य मूल्य संवर्धन कर/ बिक्री कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों के करों को छोड़), केंद्रीय बिक्री कर (राज्य द्वारा वसूल किये जाने वाला), चुंगी और प्रवेश कर, खरीद कर, विलासिता कर और लॉटरी, सट्टा पर कर.
कौन वसूलेगा जीएसटी
जीएसटी के दो घटक होंगे- सीजीएसटी और एसजीएसटी. केंद्र और राज्य दोनों एक साथ मूल्य श्रृंखला पर जीएसटी लगायेंगे. समानों की प्रत्येक सप्लाई और सेवाओं पर टैक्स लगाया जायेगा. केंद्र अपना सीजीएसटी लगायेगा और कर संग्रह करेगा और राज्य, अपने राज्य के अंदर सभी कारोबार पर एसजीएसटी लगायेंगे. सीजीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट से हर चरण में आउटपुट पर सीजीएसटी देनदारी चुकायी जायेगी. इसी तरह इनपुट पर अदा किये गये एसजीएसटी से आउटपुट पर एसजीएसटी को अदा किया जा सकेगा.
क्या एक साथ केंद्र व राज्य जीएसटी लगा सकेंगे
सीजीएसटी और एसजीएसटी एक साथ प्रत्येक वस्तु और सेवा सप्लाई कारोबार पर लगाया जायेगा, लेकिन उन वस्तुओं और सेवाओं को छोड़ कर, जो जीएसटी के दायरे से बाहर हैं और वैसे कारोबार को छोड़ कर जो न्यूनतम सीमा से कम हों.
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होगी
वैट/केन्द्रीय उत्पाद तथा सेवा कर देने वालों को पंजीकरण के लिए नया आवेदन नहीं करना पड़ेगा. नये कारोबारी को पंजीकरण के लिए केवल एक आवेदन ऑनलाइन भरा जायेगा. पंजीकरण संख्या पीएएन (पैन) आधारित होगी और केंद्र और राज्य दोनों के काम आयेगी. प्रत्येक कारोबारी को यूनिक आइडी जीएसटीआइएन मिलेगा, जो 13 या 15 अंकों का होगा.
रिटर्न फाइल कैसे होगा
जीएसटी और एसजीएसटी के लिए एक रिटर्न होगा. रिटर्न दाखिल करने के लिए जीएसटी बिजनेस प्रोसेस में आठ फॉर्म होंगे. औसत करदाता सामान्यतः चार फॉर्म का इस्तेमाल करेंगे. ये हैं – सप्लाई, खरीद, मासिक रिटर्न तथा वार्षिक रिटर्न फॉर्म. कम्पोजिशन योजना विकल्प वाले छोटे करदाताओं को तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करना होगा. सभी रिटर्न ऑनलाईन भरे जायेंगे और सभी करों का भुगतान ऑनलाईन होगा.
कितने कारोबार पर
यह तय होना अभी बाकी है. लेकिन, उम्मीद जतायी जा रही है कि दस लाख रुपये सालाना कारोबार पर जीएसटी लागू होगा. यह कारोबार वस्तुओं और सेवाओं को मिला कर और पूरे देश के लिए होगा.