जलते जहाज़ में जान बचाएं कि सामान
दुबई में विमान की क्रैश लैंडिंग के जो वीडियो सामने आए हैं उनमें साफ दिख रहा है कि अंदर धुआं भर रहा है लेकिन यात्री जान बचाने के बजाय लॉकर खोलकर सामान निकालने में व्यस्त हैं. वीडियो की एक तस्वीर में दिख रहा है कि कुछ यात्री ऑक्सीजन मॉस्क निकालने की कोशिश कर रहे हैं, […]
दुबई में विमान की क्रैश लैंडिंग के जो वीडियो सामने आए हैं उनमें साफ दिख रहा है कि अंदर धुआं भर रहा है लेकिन यात्री जान बचाने के बजाय लॉकर खोलकर सामान निकालने में व्यस्त हैं.
वीडियो की एक तस्वीर में दिख रहा है कि कुछ यात्री ऑक्सीजन मॉस्क निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि अन्य लॉकर से अपने सामान निकालने में व्यस्त हैं. इस विमान में 300 यात्री सवार थे.
हालांकि इन वीडियो में ‘सामान की चिंता छोड़कर कूद जाने’ की सलाह देने वाली आवाज़ भी सुनाई दे रही है.
ऐसा ही वाकया पिछले साल हुआ, जब लंदन जाने वाले ब्रिटिश एयरवेज़ के विमान में लास वेगस एयरपोर्ट पर आग लग गई थी.
इसमें सवार 170 लोगों को सुरक्षित उतारा गया. इसमें सवार एक ब्रितानी पत्रकार ने बताया कि कैसे यात्रियों ने उतरने से पहले अपने सामान को लेने की कोशिश की थी.
साल 2013 में एशियाना एयरलाइंस के क्रैश की एक तस्वीर बहुत चर्चा में रही. इसमें भी यात्री अपने सामान के साथ उतरते दिखाई दे रहे थे.
यात्रियों में ऐसे बर्ताव को विशेषज्ञ किस रूप में देखते हैं?
लॉस वेगस घटना में भुक्तभोगी रहे ब्रिटेन के गॉर्डियन अख़बार से जुड़े पत्रकार जैकब स्टीनबर्ग कहते हैं, "अगर आप वहां नहीं थे, तो आप कैसे जानते कि आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी? जब भगदड़ होती है तो लोग अज़ीबो-ग़रीब हरक़त करते हैं."
ये भी देखा गया है कि उड़ान की शुरुआत में जब विमान का क्रू एहतियात बरतने के सुझाव देता है तो यात्री उस पर बहुत ध्यान नहीं देते हैं.
लेकिन एक विशेषज्ञ का कहना है कि ये सामान्य व्यवहार है, खासकर एक किस्म का सीखा हुआ, जो कि पिछली उड़ान के अनुभव से जुड़ा होता है.
यूसीएल लंदन में मनोविज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ जेम्स थॉम्पसन के अनुसार, "इसकी दो व्याख्याएं हैं."
उन्होंने बीबीसी को बाताया, "बहुत ही मूर्ख लोग का एक समूह होता है, जो समय से न निकलकर हमारी ज़िंदगी को ख़तरे में डालते हैं."
उनके मुताबिक़, "दूसरी व्याख्या है कि हम सभी में बर्ताव की एक निरंतरता होती है. हम वही करना जारी रखते हैं, जो हम सामान्य रूप से सभी हालात में करते हैं, जबतक कि कोई आस पास कुछ बड़ा घटित नहीं होता."
"इस समय लोगों को अपने सामान्य बर्ताव को छोड़कर नए बर्ताव को अपनाना चाहिए."
ऐसा देखने को मिल जाएगा कि हालात को लेकर असमंजस में पड़ने के बावजूद कुछ यात्री वैसा ही बर्ताव करते हैं, जैसा विमान के गंतव्य तक पहुंचने पर करते हैं.
हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि हमेशा ही जितनी जल्दी हो सके बाहर बाहर आना ही अच्छा होता है.
लास वेगस घटना के बाद अमरीकन एयरलाइंस के पायल मार्क वीज़ ने चेताया था, "इस तरह की स्थिति में लोग घबड़ाएंगे ही, लेकिन अगर आग लगी हो और धुआं भर रहा हो तो ऐसी स्थिति में यह बहुत जहरीला होता है."
मार्क का विमान उड़ाने का 23 साल का अनुभव है.
वो कहते हैं, "अगर आप खड़े होकर ऊपर से लॉकर से सामान निकालने की कोशिश कर रहे हैं या सीट के नीचे से कोई सामान निकालने के लिए मेहनत कर रहे हैं तो आप इसमें अपनी बहुत सारी ऊर्जा और ऑक्सीजन खर्च कर रहे हैं."
और ऐसे हालात में दम घुटने का ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है.
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