रियो डि जनेरियो : लंदन 2012 में विवादास्पद हालात में अमेरिकी खिलाडी ने विकास कृष्ण का ओलंपिक का सपना तोडा दिया था और यह भारतीय मुक्केबाज कल यहां जब एक अन्य अमेरिकी मुक्केबाज के खिलाफ रियो ओलंपिक खेलों में भारत के मुक्केबाजी अभियान की शुरुआत करने उतरेगा तो उनकी नजरें इसका बदला चुकता करने पर होंगी.
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लंदन में जो सपना नहीं हुआ पूरा उसे रियो में पूरा करने उतरेंगे मुक्केबाज विकास
रियो डि जनेरियो : लंदन 2012 में विवादास्पद हालात में अमेरिकी खिलाडी ने विकास कृष्ण का ओलंपिक का सपना तोडा दिया था और यह भारतीय मुक्केबाज कल यहां जब एक अन्य अमेरिकी मुक्केबाज के खिलाफ रियो ओलंपिक खेलों में भारत के मुक्केबाजी अभियान की शुरुआत करने उतरेगा तो उनकी नजरें इसका बदला चुकता करने पर […]
मिडिलवेट वर्ग में सातवें वरीय विकास एकमात्र भारतीय मुक्केबाज हैं जिन्हें खेलों में वरीयता मिली है. वह पहले दौर में 18 साल के चार्ल्स एल्बर्ट शोन कोनवेल का सामना करेंगे जो ओलंपिक में पदार्पण कर रहे हैं.
दूसरी तरफ 24 वर्षीय भारतीय अब काफी अनुभवी हैं. लंदन में एरोल स्पेंस के खिलाफ शिकस्त के बाद विकास वेल्टरवेट की जगह मिडिलवेट में हिस्सा लेने लगे हैं. स्पेंस को लंदन में विकास के खिलाफ हारा हुआ घोषित किया गया था लेकिन तकनीकी आधार पर उन्होंने इस फैसले के खिलाफ अपील की और सफल रहे.
विकास की नजरें अब 2012 की गलतियों में सुधार करने पर टिकी होंगी. चुनौती पेश कर रहे तीन भारतीय मुक्केबाजों में विकास का ड्रा सबसे अनुकूल है और उनके सामने सबसे बडी चुनौती क्वार्टर फाइनल में दूसरे वरीय बेकतेमीर मेलिकुजीव के रुप में आ सकती है.
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