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लोकसभा में भी सर्वसम्‍मति से पास हुआ बिल, बोले पीएम मोदी- कस्टमर को किंग बना देगा जीएसटी

नयी दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को जीएसटी संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. सदन में मौजूद सभी 443 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि जीएसटी का सबसे बड़ा संदेश है- ‘कंज्यूमर इज किंग’. उन्होंने कहा […]

नयी दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को जीएसटी संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. सदन में मौजूद सभी 443 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि जीएसटी का सबसे बड़ा संदेश है- ‘कंज्यूमर इज किंग’. उन्होंने कहा कि जीएसटी कर आतंकवाद को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे मुख्य रूप से उन राज्यों को लाभ मिलेगा, जिन्हें पिछड़ा माना जाता है.

जीएसटी से काले धन पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी. कारोबारियों को पक्के बिल देने होंगे. बहुप्रतीक्षित जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर लोकसभा में हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री ने जीएसटी के लिए सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘जीएसटी को किसी एक पार्टी या सरकार की विजय के रूप में नहीं, बल्कि भारत की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा एवं सभी राजनीतिक दलों की जीत के रूप में देखा जाना चाहिए. यह सभी पूर्व की सरकारों और वर्तमान सरकार के प्रयासों का नतीजा है.’

अर्थव्यवस्था की तेजी के लिए पांच बातें जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तेज गति से चलाने के लिए पांच बातों – मैन, मशीन, मटिरियल, मनी और और मिनट पर ध्यान देने और इनका सर्वोच्च उपयोग किये जाने की जरूरत है. जीएसटी के माध्यम से हम उस दिशा में बढ़ेंगे. मोदी ने कहा कि जीएसटी से समानता के आधार पर आगे बढ़ने और संतुलित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.

भ्रष्टाचार व कालेधन पर रोक में मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने में कारगर होगी. इससे कर एकत्र करने की लागत में कमी आयेगी और सरकारी हस्तक्षेप को कम करने में मदद मिलगी. इससे भ्रष्टाचार कम होगा. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश अनुभव कर रहा है कि एक मंच, एक मन, एक मार्ग, एक मंजिल. इस मंत्र का आज जीएसटी की इस सारी प्रक्रिया में हम सब ने अनुभव किया है.’ मोदी ने कहा, ‘मैंने पहले भी इसी सदन में कहा है कि लोकतंत्र बहुमत के अंक का फेर नहीं हो सकता ये सहमति की यात्रा है.’

राज्यों को मजबूत करने की जरूरत
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अन्नाद्रमुक की जीएसटी परिषद में केंद्र और राज्यों की भागीदारी एक चौथाई और तीन चौथाई अनुपात में करने की मांग की खारिज करते हुएखङआ कि इस तरह से तो केंद्र सरकार कर प्रणाली से एक तरह से बाहर हो जायेगी. उन्होंने कहा कि भारत राज्यों का संघ है. इसलिए मजबूत संघ, मजबूत राज्यों की जरूरत है. धन विधेयक को लेकर आशंकाओं के बीच जेटली ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत संविधान में धन विधेयक को लेकर स्पष्ट प्रावधान है. उस परिभाषा के दायरे में आयेगा तो धन विधेयक होगा.

कृष्ण को जन्म किसी ने दिया, पाला किसी और ने
‘जीएसटी के जन्मदाता’ होने के कांग्रेस के दावे पर हास्य-विनोद के अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जन्म कोई दे, लालन पालन कोई करे. कृष्ण को जन्म किसी ने दिया, बड़ा किसी ने किया. उन्होंने कहा,‘ एक ऐसा निर्णय हम कर रहे हैं जिसमें राज्यसभा, लोकसभा, 29 राज्य और जिनके, सब ने एक व्यापक मंथन करके आज हमें यहां पहुंचाया है.’

‘जब मैं सीएम था, तब मेरे मन में भी संशय रहा’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी को लेकर संशय रहे हैं. ‘जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मेरे मन में भी संशय रहा. इस बारे में मैंने तब प्रणब मुखर्जी से चर्चा की थी. मुख्यमंत्री के रूप मेरे अनुभव प्रधानमंत्री के रूप में जीएसटी को समझने में काम आये. इस कालखंड में काफी कमियों को दूर किया गया और इसमें सभी का योगदान है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह टैक्स टेरर से मुक्ति की दिशा में एक अहम पहल है. जो सात से लेकर 13 कर व्यवस्थाओं के स्थान पर लायी गयी है.’ उन्होंने कहा कि इससे छोटे छोट उद्यमियों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा.

जीएसटी के कारण हम बहुत बड़ी संभावनाएं देख रहे हैं
मोदी ने कहा कि जीएसटी के कारण हम बहुत बड़ी संभावनाएं देख रहे हैं. अलग अलग राज्यों में परीक्षा में, टैक्स प्रोसेसिंग, रेट के संबंध में एकरूपता आयेगी. उन्होंने कहा कि छोटे छोटे उद्यमियों, व्यापारी को जूझना पड़ता है. इसके कारण यह परेशानी समाप्त हो जायेगी.

राज्यों की कठिनाइयां दूर करने में सुविधा होगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था के कारण राज्यों की कठिनाइयां दूर करने में सुविधा होगी. उनकी आय बढ़ेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी के कारण उपभोक्ता राज्यों को अधिक फायदा होने वाला है, लेकिन विनिर्माण राज्यों को नुकसान की भरपाई के लिए प्रावधान किया गया है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी संवैधानिक संशोधन विधेयक का पारित होना देश के लिए अच्छा कदम है. इसको लेकर सरकार एवं कांग्रेस के बीच मतभेद कम हुए हैं, लेकिन जीएसटी की दर की अधिकतम सीमा 18 प्रतिशत रखने संबंधी मामले को लेकर चिंता है, क्योंकि यह मुद्रास्फीति के विषय से जुड़ा है. हमारे बीच पहले जीएसटी को लेकर तीन बड़े मतभेद थे. हमने इन मतभेदों को दूर करने पर काम किया.

प्रधानमंत्री ने जीएसटी का मतलब समझाया

पीएम ने कहा कि जीएसटी का अर्थ ‘ग्रेट स्टेप बाई इंडिया (भारत की महान पहल) है. जीएसटी का अर्थ ग्रेट स्टेप टूवर्ड्स ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता की तरफ महान कदम), ग्रेट स्टेप टूअर्डस ट्रांसफार्मेशन (बदलाव की दिशा में महान कदम) है.

आगे : राष्ट्रपति की मुहर के बाद बनेगी परिषद
अब विधेयक राज्यों में जायेगा. राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित किये जाने के बाद जीएसटी परिषद बनेगी, जो विधेयक का मसौदा तैयार करेगी. जेटली ने कहा कि जितना जल्दी हम विधेयकों को पारित कर पायेंगे, उतनी जल्दी यह लागू होगा.

जरूरी वस्तुएं दायरे से बाहर
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी विधेयक के तहत गरीबों के लिए जितनी उपयोग की चीजें हैं, उन्हें कर के दायरे से बाहर रखा गया है. जरूरी दवाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.

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