आजादी के 70 साल पूरे होने के मौके पर देशभक्ति की भावना जगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि भाबरा में ‘आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरुआत की. कश्मीर के हाल के घटनाक्रम पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन मासूम हाथों में बैट-बाल, लैपटॉप और किताबें होनी चाहिए, उन्हें पत्थर पकड़ाये जा रहे हैं, लेकिन इनसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरित को हम दाग नहीं लगने देंगे.
भाभरा (मध्यप्रदेश) : जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने जो आजादी देश के अन्य हिस्सों में लोगों को दिलायी है, वही कश्मीर के लोगों को भी हासिल है. राज्य के युवाओं से बंदूक छोड़ने और धरती के इस स्वर्ग की जमीन को लाल करने के बजाय हरियाली से परिपूर्ण कर देने का आह्वान किया. हमारे पास जम्हूरियत का रास्ता है, संवाद का रास्ता है.
क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि पर भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं जयंती के अवसर पर एक आमसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरा हिंदुस्तान कश्मीर को प्यार करता है. लेकिन, कुछ लोग कश्मीर की महान परंपरा को कहीं न कहीं ठेस पहुंचा रहे हैं. एक तरफ हम हैं, जो विकास के मार्ग पर अपनी समस्याओं को दूर कर आगे बढ़ने का रास्ता खोज रहे हैं. दूसरी तरफ वे लोग हैं, जो सिर्फ विनाश का रास्ता पकड़ कर बैठे हैं. मोदी ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीति दलों का आभार जताया कि कश्मीर मुद्दे का सभी ने देशभक्ति के वातावरण में समाधान के प्रयास किये. उन्होंने कहा कि यही हिंदुस्तान की ताकत है, सामर्थ्य है, इसी को लेकर हमें बढ़ना है. उन्होंने कहा कि पीड़ा होती है कि जिन बच्चों के हाथों में लैपटॉप,गेंद, किताबें व मन में सपने होने चाहिए, ऐसे निर्दोष बच्चों के हाथों में पत्थर पकड़ाये जा रहे हैं. कुछ लोगों की राजनीति तो चल जायेगी, लेकिन मेरे बच्चों का क्या होगा? इसलिए इंसानियत, कश्मीरियत को दाग नहीं लगने दिया जायेगा. आज हम आजादी का 70वां साल मनाने जा रहे हैं. मैं देश में माओवाद, उग्रवाद के नाम पर कंधे पर बंदूक लेकर निकले. युवाओं से कहना चाहूंगा कि कितना लहू बहा दिया, कितने निर्दोषों को गंवा दिया, लेकिन किसी ने कुछ पाया क्या? इसलिए आगे आएं, कंधे से बंदूक उतारें, खेत में हल उठाएं.
पूर्व पीएम बाजपेयी को याद करते हुए कहा, उन्होंने जो मार्ग अपनाया था, हम उसी इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत के मार्ग पर चलने वाले लोग हैं. हम कश्मीर को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं. उन्होंने जम्मू कश्मीर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि कुछ लोगों के मलीन इरादों के बावजूद अमरनाथ यात्रा आन-बान और शान के साथ चल रही है.लद्दाख की धरती पर सौर ऊर्जा से जुड़े नये अभियान चल रहे हैं.
कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक भारत
पीएम मोदी ने कहा कि हम विकास के मंत्र को लेकर चले हैं. कश्मीर की धरती पर भी देश के लिए मर मिटनेवालों की कमी नहीं रही. कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरा हिंदुस्तान एक होकर आजादी के सपने के लिए मर मिटता था. आज समय की मांग है कि हम एक देश के रूप में एक सपना और संकल्प लेकर एक मार्ग निर्धारित करें और राष्ट्र को ऊंचाइयों की मंजिल तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ें. यही अवसर है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सेब का मौसम आनेवाला है हिंदुस्तान का आदमी वहां के सेब खाने के लिए लालायित रहता है. कश्मीर का बाजार और व्यापार बढ़ना चाहिए.
शरीफ बोले, कश्मीरियों के लिए आवाज उठाना मेरा दायित्व
इसलामाबाद. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर भारत को कोंचने की कोशिश करते हुए कहा कि कश्मीर के उत्पीड़ित लोगों की आवाज बनना उनका दायित्व है और वह घाटी के लोगों की स्थिति के बारे में विश्व को समझाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे.
वर्तमान में घाटी में चल रही अशांति विकास की कमी के कारण नहीं है, बल्कि कश्मीर समस्या का समाधान नहीं होना केंद्र की अनिच्छा के नतीजा है.
उमर अब्दुल्ला, पूर्व सीएम
कोई भी राजनीतिक दल जिंदगियां खोना नहीं चाहता और हर कोई आम लोगों के मारे जाने की निंदा करता है. प्रदर्शन कर रहे युवा हमारे अपने बच्चे हैं और उन्हें सुनने की जरूरत है.
जुल्फिकार अली, राज्य के मंत्री