इस्लामाबाद : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर भारत पर कश्मीर को लेकर दबाव की कोशिश की. आतंकियों को पनाह देने वाले कश्मीर के पीएम ने कश्मीर राग को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर के ‘‘उत्पीडित’ लोगों की आवाज बनना उनका कर्तव्य है. वह घाटी के लोगों की ‘‘स्थिति’ दुनिया के सामने रखेंगे और वहां के बारे में विश्व को समझाने में ‘‘कोई कसर बाकी नहीं छोडेंगे.’
आपको बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में तनाव का माहौल है और उसी आतंकी के पोस्टर वाली ट्रेन पाकिस्तान के आजादी वाले दिन यानी 14 अगस्त को वहां चलाई जाएगी. जानकारों की माने तो पाकिस्तान की शह पर ही हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सलाउद्दीन ने भारत को मामले को लेकर धमकाने का काम किया है हालांकि भारत की ओर से भी सार्क सम्मेलन में पड़ोसी मुल्क को खरी-खोटी गृहमंत्री राजनाथ सिंह सुना चके हैं.
शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र की आगामी महासभा की तैयारी के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में विदेश मामलों पर उनके सलाहकार सरताज अजीज, विदेश मामलों पर विशेष सहायक तारिक फातमी, विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. शरीफ के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले सत्र में शामिल किये जाने वाले एजेंडा की समीक्षा की गई, जिसमें शरीफ के हिस्सा लेने की उम्मीद है.
बयान के अनुसार शरीफ ने बैठक में कहा, ‘‘आत्मनिर्णय का अधिकार कश्मीरियों का मूल अधिकार है और हम कश्मीरियों को उनका यह अधिकार दिलाने के लिए सभी प्रयास करेंगे.’