…जब हिलेरी थी विदेश मंत्री, तब का एक खुलासा उन्हें डाल सकता है मुश्किल में
वाशिंगटन : एक निगरानी संस्था द्वारा जारी 44 ईमेलों से खुलासा हुआ है कि ओबामा प्रशासन के पहले कार्यकाल में हिलेरी क्लिंटन के विदेश मंत्री रहने के दौरान क्लिंटन फाउंडेशन के शीर्ष अधिकारियों ने किस तरह मंत्रालय में पहुंच बना ली थी. इस खुलासे से हिलेरी की मुश्किलें बढ़ सकती है. हिलेरी के अपोनेंट डोनाल्ड […]
वाशिंगटन : एक निगरानी संस्था द्वारा जारी 44 ईमेलों से खुलासा हुआ है कि ओबामा प्रशासन के पहले कार्यकाल में हिलेरी क्लिंटन के विदेश मंत्री रहने के दौरान क्लिंटन फाउंडेशन के शीर्ष अधिकारियों ने किस तरह मंत्रालय में पहुंच बना ली थी. इस खुलासे से हिलेरी की मुश्किलें बढ़ सकती है. हिलेरी के अपोनेंट डोनाल्ड ट्रंप लगातार हिलेरी पर हमले कर रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से हिलेरी क्लिंटन अमेरिका में इसी साल हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. इन खुलासों से ट्रंप के हाथ एक और हथियार लग जायेगा. पूर्व में ईमेल मामले से हिलेरी एक बार घिर चुकी हैं. अब ट्रंप इस खुलासे के बाद हिलेरी और अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा को जोड़कर कोई हमले की योजना बना सकते हैं.
निगरानी संस्था ज्यूडिशियल वॉच ने इन ईमेलों को ‘जानकारी का अधिकार अधिनियम’ के तहत प्राप्त किया है. इन ईमेलों की जानकारी 296 पन्नों तक फैली हुई है. इन्हें देखने पर पता चलता है कि क्लिंटन फाउंडेशन के अधिकारियों ने विदेश मंत्रालय में न केवल नौकरी पा ली बल्कि अधिकारियों की मदद से विदेशी सरकारों तक भी पहुंच बना ली थी. ज्यूडिशियल वॉच के मुताबिक नये दस्तावेजों से पता चलता है कि अप्रैल 2009 में क्लिंटन फाउंडेशन के विवादास्पद अधिकारी डोग बैंड ने अपने एक सहयोगी को नौकरी देने का दबाव बनाया था.
ईमेल में बैंड विदेश मंत्रालय में हिलेरी क्लिंटन के पूर्व सहयोगियों चेरिल मिल्स और हुमा एब्दीन से कहते हैं, ‘उसका ख्याल रखना जरुरी है.’ बदले में एब्दीन बैंड को आश्वासन देते हैं, ‘अधिकारी उन्हें विकल्प भेज रहे हैं.’ ट्रंप के अभियान के राष्ट्रीय नीति निदेशक स्टीफन मीलर ने कहा, ‘ताजा खुलासे एक भ्रष्ट मंत्रालय की झलक देते हैं. यह एक और सबूत है कि हिलेरी शुरू से ही झूठ बोल रहीं थीं.’