वाशिंगटन : अमेरिका का कहना है कि विवादित दक्षिण चीन सागर के एक मानव निर्मित द्वीप पर चीन की सैन्य मौजूदगी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस क्षेत्र के बारे में दिए बयान पर सवाल खड़े करती हैं. विदेश विभाग की प्रवक्ता एलिजाबेथ ट्रूडो ने कल संवाददाताओं से कहा,‘‘इस तरह की दोहरी निर्माण गतिविधि से क्षेत्र में तनाव बढ़ा है. उधर, जापान ने भी चीन के रवैये पर नाराजगी जतायी है. जापान के विदेश मंत्री फूमियो किशिदा ने कहा है कि पूर्वी चीन सागर में चीन के जहाज व नौकाएं बार-बार उसके सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं, जिससे उनके देश के रिश्ते चीन से बिगड़ते जा रहे हैं. जापानी विदेश मंत्री की यह तीखी टिप्पणी उस खबर पर आयी कि शुक्रवार को चीन के 230 नाव व तटरक्षक उन दो द्वीपों के समक्ष दिखाई दिये, जिस पर चीन व जापान दोनों अपना दावा करते रहे हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता एलिजाबेथ ट्रूडो ने चीन की पिछले सितंबर में राष्ट्रपति शी के दिए उस बयान का अनुपालन करने की इच्छा पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि चीन अपनी बाहरी चौकियों का सैन्यीकरण करने की कोई इच्छा नहीं रखता.’
उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां क्षेत्रीय सहयोगियों के उस भरोसे को कमतर करती हैं कि चीन विवादित मुद्दों का समाधान जबरन बल प्रयोग का तरीका अपनाए बिना ही करना चाहता है. त्रूदू हाल में वाशिंगटन स्थित एक विचारक मंडल की ताजा रिपोर्ट के संदर्भ में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थी. इस रिपोर्ट में उपग्रह से खींचीगयी तस्वीरों के जरिए यह बताया गया है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर स्थित अपने मानव निर्मित द्वीप पर सैन्य गतिविधियां बढा दी हैं.
उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर पर अपना अपना दावा पेश करने वाले सभी देशों से गुजारिश है कि वे विवादित क्षेत्र में धरती पर कब्जा करना और वहांनयी सैन्य सुविधाओं का विस्तार करना बंद करेंऔर इसकी जगह 12 जुलाई कोआयी अंतरराष्ट्रीय अदालत की व्यवस्था के जरिए पेश अवसर का लाभ उठाकर आपसी समझदारी से विवाद का समाधान करें. सेंटर फार स्ट्रेटेजिक इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार ताजा उपग्रह तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन ने इस कृत्रिम द्वीप पर विमानों को रखने वाले हैंगर बना लिए हैं. ट्रूडो ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां चीन द्वारा जताई उस इच्छा पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं कि वह राष्ट्रपति शी के इस संबंध में दिए बयान का पालन करने की मंशा रखता है.