अब दो बच्चे जन्म देने से मुश्किल में आयीं चीन की महिलाएं

बीजिंग : इस सालआयी चीन की एकनयी नीति जिसके तहत अब दो बच्चों को जन्म देेने की इजाजत है और जिसके चलते एक बच्चे की नीति खत्म कर दीगयी है उसके कारण रोजगार के बाजार में महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. आधिकारिक मीडिया के मुताबिक ऐसा इसलिए है क्योंकि नियोक्ता लंबे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2016 3:40 PM

बीजिंग : इस सालआयी चीन की एकनयी नीति जिसके तहत अब दो बच्चों को जन्म देेने की इजाजत है और जिसके चलते एक बच्चे की नीति खत्म कर दीगयी है उसके कारण रोजगार के बाजार में महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. आधिकारिक मीडिया के मुताबिक ऐसा इसलिए है क्योंकि नियोक्ता लंबे प्रसूति अवकाश देने के बजाए पुरुष कर्मचारियों को तरजीह दे रहे हैं.

सरकारी प्रकाशन पीपल्स डेली में एक महिला पीएचडी स्कॉलर झाओ की समस्या प्रकाशित कीगयी है. इसमें चीन की कम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी से पीएसडी करने वाली झाओ ने लिखा है कि नौकरी की खोज के दौरान वे बेहद कुंठित होगयी थीं और इसकी वजह यह थी कि नियोक्ता उनके बजाए पुरुष आवेदकों को प्राथमिकता देते थे. यहां तक कि वे स्नातक डिग्रीधारी पुरुषों को डॉक्टरेट झाओ पर तरजीह देते थे.

उनके मुताबिक नौकरी के लिए साक्षात्कार के दौरान उनसे हमेशा पूछा जाता है कि वे कब शादी करने वाली हैं और कब परिवार शुरू करने वाली हैं. यहां तक कि यह भी पूछ लिया जाता है कि दूसरे बच्चे के बारे में उनकी क्या योजना है.

लगभगसाढ़े तीन दशक से लागू एक बच्चे की नीति के चलते यहां आबादी घटी है और इसके कारण मानव संसाधन में भी कमी आयी है. इस चुनौती से निबटने के लिए इस साल जनवरी माह में दो बच्चों की नीति लागू की थी.

Next Article

Exit mobile version