रियो डि जिनेरियो : सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना ने ब्रिटेन के एंडी मर्रे और हीथर वाटसन को आसानी से हराकर रियो ओलंपिक मिश्रित युगल टेनिस के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया.चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय जोडी ने क्वार्टर फाइनल मुकाबला सिर्फ 67 मिनट में 6 – 4, 6 – 4 से जीता.
एक और जीत से भारत का रजत पदक तय हो जायेगा. वहीं सेमीफाइनल में हारने पर सानिया और बोपन्ना के पास कांस्य जीतने का मौका रहेगा. भारत ने ओलंपिक के इतिहास में टेनिस में अभी तक एक ही पदक जीता है जो 1996 अटलांटा खेलों में लिएंडर पेस को मिला था. मर्रे अपना एकल क्वार्टर फाइनल जीतने के तुरंत बाद यह मैच खेलने उतरे थे और लय में नहीं दिखे. दुनिया के नंबर दो खिलाडी, तीन ग्रैंडस्लैम विजेता और ओलंपिक में एकल वर्ग में गत चैम्पियन मर्रे ने एकल मुकाबलों के लिये अपनी ऊर्जा बचाकर रखी है.
वाटसन वैसे खिलाडी दिख ही नहीं रहे थे जिसने इस साल विम्बलडन मिश्रित युगल खिताब जीता था. पहले सेट में वह ग्राउंड स्ट्रोक्स और सर्विस बरकरार रखने के लिए जूझते दिखे. सानिया और बोपन्ना ब्रिटिश खिलाडियों से बेहतर टीम थे और कभी भी दबाव में नहीं दिखे. बोपन्ना की सर्विस दमदार थी जबकि सानिया ने बैककोर्ट पर बेहतरीन खेल दिखाया.
बोपन्ना ने डबलफाल्ट के साथ शुरुआत की और सानिया ने वॉली पर लगातार गलतियां की जिससे थोडा दबाव बन गया. भारतीय जोडी ने हालांकि तुरंत वापसी की जब वाटसन ने लव पर अपनी सर्विस गंवाई. ब्रिटिश खिलाडियों की कई सहज गलतियांे का भारतीयों ने फायदा उठाया और बोपन्ना ने बैकहैंड पर विनर लगाकर पहला ब्रेक प्वाइंट बनाया. सानिया ने अगले पर ब्रेकप्वाइंट बचाया और स्कोर 2 . 2 हो गया.
वाटसन ने इसके बाद सर्विस गंवा दी और फोरहैंड पर सानिया के बेहतरीन रिटर्न पर भारत ने 4 . 3 की बढत बना ली. अगले सेट में सानिया की दमदार सर्विस पर बढत 5 . 3 की हो गई और बोपन्ना ने दो ऐस लगाये जिससे भारत ने पहला सेट जीत लिया. दूसरे सेट में ब्रिटिश टीम ने बेहतर खेला लेकिन भारतीय जोडी ने पांचवें गेम में मर्रे की सर्विस तोडकर 5 . 2 की बढत बना ली. इसके बाद तीसरे मैच प्वाइंट पर शानदार स्मैश लगाकर बोपन्ना ने भारतीय जोडी की जीत तय कर दी.