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रियो ओलंपिक : बैडमिंटन ( पुरुष एकल) में चीन के लिन डेन ने श्रीकांत को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनायी

रियो डि जिनेरियो : भारत के किदांबी श्रीकांत कडी चुनौती पेश करने के बावजूद आज यहां बैडमिंटन पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में दो बार के गत चैम्पियन चीन के लिन डैन से हारकर रियो ओलंपिक से बाहर हो गए जिससे भारत की पदक की उम्मीदें अब सिर्फ पीवी सिंधू पर टिकी हैं. सिंधू ने […]

रियो डि जिनेरियो : भारत के किदांबी श्रीकांत कडी चुनौती पेश करने के बावजूद आज यहां बैडमिंटन पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में दो बार के गत चैम्पियन चीन के लिन डैन से हारकर रियो ओलंपिक से बाहर हो गए जिससे भारत की पदक की उम्मीदें अब सिर्फ पीवी सिंधू पर टिकी हैं. सिंधू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाडी और लंदन खेलों की रजत पदक विजेता वांग यिहान को 22-20, 21-19 से हराकर महिला एकल सेमीफाइनल में जगह बनाई। सिंधू कल सेमीफाइनल में जापान की नोजोमो ओकुहारा से भिडेंगी और इस मैच में जीत उनका पदक पक्का कर देगी.

पुरुष एकल में हालांकि भारत का अभियान खत्म हो गया जब चीन ओपन 2014 के फाइनल में पांच बार के विश्व चैम्पियन लिन डैन को हराने वाले गुंटूर के 21 साल के श्रीकांत को एक घंटे और चार मिनट चले क्वार्टर फाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाडी के खिलाफ 6-21, 21-11, 18-21 से शिकस्त का सामना करना पडा. लिन डैन अब सेमीफाइनल में दो बार के रजत पदक विजेता चिर प्रतिद्वंद्वी मलेशिया के ली चोंग वेई से भिडेंगे। शीर्ष वरीय चोंग वेई ने क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के चाउ टिएन चेन को 21-9, 21-15 से हराया.

श्रीकांत पी कश्यप के बाद ओलंपिक खेलों की पुरुष एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाले दूसरे भारतीय हैं. कश्यप लंदन खेलों के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे. दुनिया के पूर्व तीसरे नंबर के खिलाडी श्रीकांत शुरु मंे काफी नर्वस दिखे और पहला गेम सिर्फ 16 मिनट में हार गए. श्रीकांत को नेट पर दिक्कत हो रही थी जिसका फायदा उठाते हुए लिन डैन ने 4-1 की बढत बनाई और फिर दबदबा बनाते हुए स्कोर 11-1 किया. श्रीकांत ने ब्रेक के बाद वापसी की कोशिश की लेकिन कई शाट बाहर मारे जिससे लिन डैन का दबदबा कायम रहा। भारतीय खिलाडी ने इसके बाद दो सहज गलती करते हुए पहला गेम चीन के खिलाडी की झोली में डाल दिया.

श्रीकांत ने दूसरे गेम में मजबूत खेल दिखाते हुए वापसी की। भारतीय खिलाडी ने 6-3 की बढत बनाई। श्रीकांत के शाट अब बेहतर लग रहे थे और उन्होंेने ब्रेक तक 11-5 की मजबूत बढत बना ली. श्रीकांत ने लिन डैन को लंबी रैली में उलझाया और फिर स्कोर 15-8 किया। भारतीय खिलाडी हालांकि इस बीच एक वीडियो रैफरल लेने से चूक गया जिससे चीन के खिलाडी को एक अंक का फायदा हुआ। श्रीकांत ने इसके बाद जोरदार स्मैश लगाया और फिर लिन डैन के शाट बाहर मारने पर बढत को 17-9 किया.

श्रीकांत ने इसके बाद 10 गेम प्वाइंट हासिल किये। भारतीय खिलाडी ने स्मैश बाहर मारकर एक अंक गंवाया लेकिन इसके बाद बेहतरीन रिटर्न की बदौलत गेम अपने नाम किया. तीसरे और निर्णायक गेम में छह बार के आल इंग्लैंड चैम्पियन लिन डैन ने 2-0 की बढत से शुरुआत की लेकिन श्रीकांत ने स्कोर 3-4 किया। श्रीकांत ने इसके बाद अपने अनुभवी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 6-6 से बराबरी हासिल की जब लिन डैन ने नेट पर शाट उलझाया.

श्रीकांत ने 9-8 के स्कोर पर पहली बार बढत बनाई जब लिन डैन ने शाट बाहर मारा। वह ब्रेक के समय 11-8 से आगे थे. श्रीकांत ने कुछ समय तक अपनी स्थिति मजबूत रखी लेकिन लिन डैन ने 13-13 के स्कोर पर बराबरी हासिल कर ली. भारतीय खिलाडी की गलतियों का फायदा उठाकर लिन डैन ने 16-14 की बढत बनाई। दोनों खिलाडियों के बीच प्रत्येक अंक के लिए संघर्ष हो रहा था। लिन डैन ने अपने शानदार शाट की बदौलत 19-16 की बढत बनाई। श्रीकांत ने बेहतरीन स्मैश के साथ एक अंक हासिल किया लेकिन इसके बाद शाट को नेट पर उलझा गए जिससे चीन के खिलाडी को मैच प्वाइंट मिला.

श्रीकांत ने एक मैच प्वाइंट बचाया लेकिन लिन डैन ने अगला अंक जीतकर गेम और मैच अपने नाम करके सेमीफाइनल में जगह बना ली. इससे पहले सिंधू ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बैडमिंटन खिलाडी बनी। लंदन में साइना नेहवाल ने यह कारनामा किया था. इस रोमांचक मुकाबले में दोनों खिलाडियों ने तेज रफ्तार रैलियां लगाई. शानदार स्ट्रोक्स भी लगाये गए और एक दूसरे पर हावी होने की पूरी कोशिश की गई. पहला गेम 29 मिनट तक चला जिसमें वांग ने 3-0 की बढत बना ली थी. सिंधू ने जल्दी ही स्कोर 5-5 से बराबर किया.

ब्रेक तक वांग ने 11-8 की बढत बना ली थी. पिछले साल डेनमार्क ओपन में वांग को हराने वाली सिंधू ने लगातार तीन अंक बनाकर स्कोर 11-12 कर दिया लेकिन इसके बाद अगले पर उसकी शटल बेसलाइन में रह गई. सिंधू ने फिर 13-13 से बराबरी की जब वांग का शाट कोर्ट के बाहर चला गया. सिंधू ने इसके बाद वांग को बैक कार्नर पर जाने को मजबूर किया और फिर नेट के आगे लेकर आई. उसने रिवर्स एंगल से कुछ बेहतरीन शाट खेलकर वांग पर दबाव बनाया और बढत कायम कर ली. सिंधू ने 18-18 के स्कोर पर वीडियो रेफरल जीता और दो अहम अंक बनाये. इसके बाद लंबी चली रैली के साथ वांग ने फोरहैंड रिटर्न लगाकर बढत बना ली। सिंधू ने क्रासकोर्ट रिटर्न पर अगला अंक बनाया और फिर वांग की गलती का फायदा उठाकर गेम जीत लिया. स्टेडियम में गूंजती ‘जीतेगा भई जीतेगा, इंडिया जीतेगा’ की आवाज के बीच सिंधू ने दूसरे गेम में 8 . 3 की बढत बना ली.

दूसरे गेम में गलती की कोई गुंजाइश नहीं थी. वांग अपनी गलतियों पर काबू नहीं रख सकी और सिंधू ने 11 . 8 से बढत बना ली. सिंधू जितनी बार अंक बनाती, दर्शकों का शोर और बढ जाता. बीच में सिंधू ने कोच पुलेला गोपीचंद की ओर देखा जो लगातार साइडलाइन से उन्हें मार्गदर्शन दे रहे थे. सिंधू ने एक समय 18 . 13 की बढत बना ली थी लेकिन फिर वांग ने लगातार छह अंक लेकर वापसी की. एक समय स्कोर 19 . 19 से बराबर हो गया जब सिंधू ने दमदार स्मैश पर मैच प्वाइंट बनाया. वांग की शटल नेट के बीच जा फसी और सिंधू ने यह यादगार मुकाबला जीत लिया.

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