भारत में स्टार्ट-अप्स की प्रतियोगिता
ब्रजेश उपाध्याय बीबीसी संवाददाता, वॉशिंगटन भारत में स्टार्ट-अप कंपनियों का चलन ज़ोर पकड़ रहा है लेकिन माना जा रहा है कि पिछले साल के मुक़ाबले ऐसी कंपनियों में निवेश में कमी आई है. जानकारों का कहना है कि जहां निवेश पाने की भीड़ बढ़ी है वहीं कई नई कंपनियां बंद हो गई हैं. पुरानी कामयाब […]
भारत में स्टार्ट-अप कंपनियों का चलन ज़ोर पकड़ रहा है लेकिन माना जा रहा है कि पिछले साल के मुक़ाबले ऐसी कंपनियों में निवेश में कमी आई है.
जानकारों का कहना है कि जहां निवेश पाने की भीड़ बढ़ी है वहीं कई नई कंपनियां बंद हो गई हैं. पुरानी कामयाब कंपनियों का मोल कम हो गया है.
कहा जा रहा है कि हर स्टार्ट-अप कंपनी स्नैपडील या ओला कैब्स बनने का ख़्वाब तो देखती है लेकिन शुरूआती निवेश मिलने के बाद कुछ दूर जाकर उनकी गाड़ी ठप हो जा रही है.
अमरीकी निवेशक भारत को एक बड़े मौक़े की तरह देख रहे हैं. लेकिन वो ऐसी कंपनियों पर पैसा लगाने की बात कर रहे हैं जिन्होंने कुछ फ़ासला अपने बल पर तय किया हो, उनके आइडिया में दम हो और दूर तक जाने की क्षमता हो.
इस नए चलन को देखते हुए एक भारतीय मूल के एक अमरीकी मीडिया गुट ‘द अमेरिकन बाज़ार’ ने कुछ निवेशकों के साथ मिलकर भारत में एक स्टार्ट-अप प्रतियोगिता का एलान किया है.
भारत में स्थित कोई भी स्टार्ट-अप कंपनी इसमें भाग ले सकती है.
पहली सितंबर को दिल्ली में और तीन सितंबर को बैंगलोर में उनके पास मौक़ा होगा अपना प्रस्ताव और बिज़नेस प्लान निवेशकों और व्यापार जगत के कुछ कामयाब लोगों की निर्णायक समिति के सामने पेश करने का.
विजेता को अमरीका लाया जाएगा जहां वो अपना बिज़नेस प्रस्ताव अमरीकी निवेशकों के सामने पेश कर सकेंगे.
प्रतियोगिता के आयोजक आसिफ़ इस्माइल का कहना है कि अमरीकी निवेशकों में भारत को लेकर ख़ासा उत्साह नज़र आया है क्योंकि वहां इसके फलने-फूलने के लिए माहौल भी पैदा हुआ है.
वो कहते हैं, "हमारी कोशिश है कि हम निवेशकों और छोटी स्टार्ट-अप कंपनियों के बीच एक पुल का काम कर सकें क्योंकि कई छोटी कंपनियां निवेशकों के दरवाज़े तक पहुंच भी नहीं पातीं."
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कंठ प्रतियोगियों को दिल्ली में संबोधित करेंगे.
अमरीका में भारतीय मूल के स्टार्ट-अप्स की मदद करनेवाली जानीमानी संस्था ‘द इंडस अंटरप्रेन्योर्स’ (टीआईई) भारत की कई स्टार्ट-अप कंपनियों को प्रशिक्षण देती है और वो भी इस आयोजन में भाग ले रही है.
टाइ के वाशिंगटन डीसी चैप्टर के अध्यक्ष सत्यम प्रियदर्शी का कहना है कि भारत के उद्यमियों के लिए ये एक अहम मौका है अपने आइडियाज़ को दुनिया के सामने रखने का और साथ ही अमरीका के बेहद कामयाब लोगों से दिशानिर्देश और प्रशिक्षण हासिल करने का.
उनका कहना था, "इस तरह के प्रयास बेहद मददगार साबित होते हैं और मैं ख़ुद भी भविष्य के वेंचर लीडर्स से मिलने को उत्सुक हूं."
प्रतियोगिता में रजिस्टर करने की समय सीमा 26 अगस्त है.
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