रियो द जिनेरियो : भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने का सपना आज टूट गया जब रियो ओलंपिक की महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में उन्हें स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ कड़े मुकाबले में शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
सिंधु भले ही आज फाइनल में हार गयी, लेकिन हारकर भी जीत गयी. 21 साल की सिंधु अपने पहले ही ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचकर अपने को साबित कर दिया. सिंधु जहां तक पहुंचकर देश के लिए पदक जीता है यह काफी सराहनीय है. सिंधु की इस जीत से पूरे देश का मान बढ़ है. उनकी इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने बधाई दी है.
भारत की 21 वर्षीय सिंधु मारिन के बनाये दबाव के आगे टूट गई और उन्हें यहां रियो सेंटर में एक घंटा और 23 मिनट चले मुकाबले में पहला गेम जीतने के बावजूद 21-19, 12-21, 15-21 से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
सिंधु निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड (एथेंस 2004) और विजय कुमार (लंदन 2012) तथा पहलवान सुशील कुमार (लंदन 2012) के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाली चौथी भारतीय हैं. विश्व चैम्पियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता सिंधु भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतने वाली पांचवीं महिला और रजत जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं.
* सिंधु पर इनामों की बौछार
सिंधु ने रियो में रजत पदक जीतकर इतिहास रच डाला है. इनकी इस उपलब्धि से पूरा देश गौरम महसूस कर रहा है. जीत के बाद सिंधु पर इनामों की बौछार की जा रही है. भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) अध्यक्ष डा अखिलेश दास गुप्ता ने रियो ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतकर इतिहास रचने वाली पीवी सिंधु के लिए 50 लाख रुपये की इनामी राशि की घोषणा की.
इसके साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 50 लाख रुपये देने की घोषणा कर दी है. बाई ने सिंधु को प्रशिक्षण देने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल कर चुके कोच पुलेला गोपीचंद के लिए भी 10 लाख रुपये की नकद इनाम की घोषणा की.