Loading election data...

टैबलेट के रूप में नरसिंह ने जानबूझकर लिया प्रतिबंधित पदार्थ : CAS

नयी दिल्ली : नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगाने के दौरान खेल पंचाट (कैस) ने फैसला दिया कि यह पहलवान अपने खाने पीने से छेड़छाड़ के दावे के संदर्भ में कोई भी ‘वास्तविक साक्ष्य’ देने में विफल रहा और संभावनाओं का संतुलन यह कहता है कि उसने एक से अधिक मौके पर प्रतिबंधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 10:53 AM

नयी दिल्ली : नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगाने के दौरान खेल पंचाट (कैस) ने फैसला दिया कि यह पहलवान अपने खाने पीने से छेड़छाड़ के दावे के संदर्भ में कोई भी ‘वास्तविक साक्ष्य’ देने में विफल रहा और संभावनाओं का संतुलन यह कहता है कि उसने एक से अधिक मौके पर प्रतिबंधित पदार्थ जानबूझकर टैबलेट के रूप में लिया.

अपने पूर्ण फैसले में खेल पंचाट विशेषज्ञ साक्ष्य पर निर्भर रहा कि नरसिंह का डोप अपराध एक बार प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के कारण नहीं है और पहले परीक्षण (25 जून) के नतीजे में इसका अंश इतना अधिक था कि यह मिथेनडाइनोन के एक या दो टैबलेट खाने पर ही हो सकता है और ऐसा पानी के साथ पाउडर का मिश्रण मिलाने से नहीं हो सकता.
यह विशेषज्ञ नजरिया कनाडा की प्रोफेसर क्रिस्टियान अयोटे ने दिया है जिन्होंने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की ओर से पक्ष रखा. वह 1995 से आईएएएफ डोपिंग आयोग का हिस्सा रही हैं और 1995-96 में उन्हें आईओसी मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के प्रमुख का प्रतिनिधि चुना गया. वह फिलहाल मांट्रियल में वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला की निदेशक हैं.
नरसिंह के मूत्र का नमूना प्रतियोगिता के इतर 25 जून को लिया गया और इसमें मिथेनडाइनोन के अंश पाये गये पांच जुलाई को प्रतियोगिता के इतर लिए गए एक अन्य नमूने में भी मिथेनडाइनोन के लंबे समय तक रहने वाले अंश पाए गए.खेल पंचाट के पैनल ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर छेड़छाड़ का दावा सही होने की संभावना हो सकती है लेकिन ऐसा तय नहीं है और निश्चित तौर पर इसकी मजबूती के लिए कोई वास्तविक साक्ष्य मुहैया नहीं कराया गया.

पैनल ऐसे में नतीजे पर पहुंचा है कि खिलाड़ी अपने साक्ष्यों को संतुष्ट करने में नाकाम रहा है और पैनल संतुष्ट है कि सबसे अधिक संभावना इसकी है कि खिलाडी ने जानबूझकर एक से अधि मौके पर प्रतिबंधित पदार्थ टैबलेट के रुप में खाया.’ खेल पंचाट ने नरसिंह के 74 किग्रा मुकाबले से महज कुछ घंटों पहले 18 अगस्त को इस पहलवान पर चार साल का प्रतिबंध लगाया था. फैसले में कहा गया, ‘‘पैनल को खिलाड़ी के पारिस्थितिक साक्ष्यों को वाडा के वैज्ञानिक साक्ष्यों के खिलाफ तोलकर फैसला करना था कि वह खिलाडी के इस दावे से संतुष्ट है या नहीं कि उसने जानबूझकर प्रतिबंधित पदार्थ नहीं लिया.

पैनल मानता है कि प्रोफेसर अयोटे के विशेषज्ञ साक्ष्य को शायद अन्य विशेषज्ञों से स्वीकृत कराने की जरुरत पडे। हालांकि पैनल के पास वैज्ञानिक आंकडों और उनके विशेषज्ञ बयान पर सवाल उठाने का कोई कारण नहीं है. ‘ नरसिंह ने कहा था कि डोपिंग का यह अपराध छेड़छाड़ के कारण हुआ है जो जितेश (जूनियर पहलवान) ने 23 या 24 जून को उनके एनर्जी ड्रिंक में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाकर की थी.

पैनल ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल ने तीन लोगों पासवान, राहुल कुमार और पंकज कुमार के बयान सुने थे जिन्होंने पुष्टि की थी कि उन्होंने जितेश को पांच जून को नरसिंह के खाने में कुछ पाउडर मिलाते हुए देखा था.

Next Article

Exit mobile version