सुषमा स्वराज म्यांमार में, सान सू की से की मुलाकात
ने प्यी दौ : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपनी एकदिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंची और भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत वह स्टेट काउंसेलर एवं विदेश मंत्री आंग सान सू की समेत देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात और चर्चाएं की. सुषमा के साथ विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के अन्य […]
ने प्यी दौ : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपनी एकदिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंची और भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत वह स्टेट काउंसेलर एवं विदेश मंत्री आंग सान सू की समेत देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात और चर्चाएं की. सुषमा के साथ विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी हैं. सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की पिछले साल की ऐतिहासिक जीत और पांच दशक के सैन्य शासन के खात्मे के बाद यह भारतीय नेताओं की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. सुषमा ने सू की से मुलाकात की जो वस्तुत: देश की नेता हैं.इसके अतिरिक्त विदेश मंत्री म्यांमा के राष्ट्रपति यू हतिन क्याव से भी मुलाकात करेंगी.
Forging a strong bond. Some more pics of the meeting between EAM @SushmaSwaraj and Daw Aung San Suu Kyi pic.twitter.com/yYM2PH2GNw
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 22, 2016
सैन्य शासन के काल में संविधान के तहत सू की के राष्ट्रपति बनने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. बहरहाल, देश की पहली असैन्य सरकार पर उनकी मजबूत पकड है. गृह, रक्षा और सीमा मामलों के अहम मंत्रालयों पर अब भी सेना का नियंत्रण है. संसद की एक चौथाई सीटें गैरनिर्वाचित सैनिकों के लिए आरक्षित हैं. इत्तेफाकन, सुषमा की यह यात्रा सू की की चीन की उच्च स्तरीय यात्रा के कुछ ही दिनों बाद हो रही है.
उम्मीद की जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच की वार्ता में म्यांमा के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्तों और साथ ही गोवा में होने वाले आगामी ब्रिक्स-बिम्सटेक आउटरीच शिखर सम्मेलन की चर्चा होगी. इस मुलाकात में भारत के पूर्वात्तर राज्यों में संचालन कर रहे कुछ म्यांमा आधारित उग्रवादी समूहों के बारे में भी चर्चा हो सकती है.
भारत और म्यांमा के बीच निकट संबंध हैं और कृषि, आईटी, मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचा विकास, संस्कृति इत्यादि क्षेत्रों में दोनों के बीच विकास सहयोग कार्यक्रम चल रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि सुषमा की यह यात्रा तरजीह के क्षेत्रों में म्यांमा के साथ साझेदारी बढाने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.