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इन उपायों से बुढ़ापे में भी हैप्पी हो लाइफ

एक अनुमान है कि 2050 तक पूरी दुनिया में 100 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गो की संख्या लगभग 32 लाख तक पहुंच जायेगी. ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि किस प्रकार की जीवनशैली को अपना कर खुद को फिट रखा जा सकता है. स्वीडेन के लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मैट्स हैमर और कार्ल […]

एक अनुमान है कि 2050 तक पूरी दुनिया में 100 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गो की संख्या लगभग 32 लाख तक पहुंच जायेगी. ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि किस प्रकार की जीवनशैली को अपना कर खुद को फिट रखा जा सकता है. स्वीडेन के लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मैट्स हैमर और कार्ल जोहान ने एक रिसर्च के आधार पर कुछ सुझाव दिये हैं, जिन्हें अपना कर बुढ़ापे में खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है.

उम्र बढ़ने के साथ ही बुजुर्ग अपने शरीर के प्रति लापरवाह हो जाते हैं. उनका मानना होता है कि इस उम्र में फिट रहकर वे करेंगे क्या. ये उम्र तो उनके भजन-कीर्तन करने की है. लेकिन वास्तविकता यह है कि इस उम्र में अपने शरीर के प्रति लापरवाही से उत्पन्न समस्याओं से न सिर्फ उन्हें स्वयं परेशानी होती है, बल्कि परिवार को भी परेशानी उठानी पड़ती है. खुद को फिट रखकर वे स्वयं और परिवार दोनों को परेशानी से बचा सकते हैं.

शरीर में कैलोरी की मात्र को नियंत्रित करना आवश्यक
‘‘शरीर में कैलोरी की अधिक मात्र से कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा होता है. भरपेट भोजन करने के बजाय कम भोजन करना कैलोरी को नियंत्रित रखने का एक अच्छा उपाय है. समय-समय पर उपवास रखने से भी शरीर को इससे लाभ होता है.’’ यह कहना है जेनरल मेडिसिन के प्रोफेसर कार्ल जोहान का. कम कैलोरीवाले डायट लेते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि उसमें शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और मिनरल की मात्र मौजूद हो. औसतन एक व्यस्क महिला के लिए 1500 किलो कैलोरी और शारीरिक रूप से सक्रिय पुरुष के लिए 1800 किलो कैलोरी की जरूरत होती है.

ओवरवेट से बचें
बढ़ा हुआ वजन न सिर्फ आपके शरीर को बेडौल बनाता है, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही खतरनाक है. पेट पर वसा के कारण हमारा मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है एवं इन्सुलिन रेजिस्टेंस की समस्या उत्पन्न होती है जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

हेल्दी डायट का करें चुनाव
मेडिटेरेनियन डायट इसके लिए सर्वोत्तम है. मेडिटेरेनियन डायट एक विशेष प्रकार की डायट है जो सब्जी, फलियां (बादाम, मूंगफली इत्यादि), जैतून का तेल, मछली इत्यादि के व्यवस्थित तरीके से सेवन को कहते हैं. इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, पोलीफिनोल्स और मैग्नीशियम प्रचुर मात्र में पाया जाता है, जो शरीर के लिए अति लाभदायक है.

शरीर को रखें सक्रिय
हम बचपन से सुनते आये हैं कि हमारा शरीर एक मशीन है और हम यह भी जानते हैं कि रखे रहने से बड़ी-बड़ी मशीनें भी खराब हो जाती हैं. उसी प्रकार हमारे शरीर को भी सुचारू रूप से कार्यरत रखने के लिए सक्रिय रखना बेहद आवश्यक है. प्रतिदिन 40 से 50 मिनट चलनेवाले लोगों को बैठे रहनेवाले लोगों की तुलना में कैंसर और हृदय से संबंधित रोगों के होने की आशंका नगण्य होती है. कई सर्वेक्षणों में यह साबित हो चुका है कि नियमित व्यायाम करनेवाले लोगों की तुलना में बैठे रहने वाले लोगों में मृत्यु दर अधिक पायी जाती है. इसलिए घर-बाहर कहीं भी एक्टिव रहें. बगीचे में पानी देना भी व्यायाम है.

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