फ्रांस के पूर्व राष्‍ट्रपति निकोलस सरकोजी के बारे में जानें कुछ दिलचस्प बातें

पेरिस : यूं तो यूरोपीय देशों के लोग काफी खुले विचारों वाले होते हैं लेकिन वे अपने नेताओं को एक दायरे मे देखना ज्यादा पसंद करते हैं.मौजूदा राष्ट्रपतिफ्रांस्वा ओलांद फ्रांसकेकम लोकप्रिय नेता माने जाते हैं.पिछले चुनाव में अपनी अल्प लाेकप्रियता के बावजूद वेनिकोलस सरकोजी को हराकर वे फ्रांस के राष्‍ट्रपति बने थे. 2017 में होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2016 1:33 PM

पेरिस : यूं तो यूरोपीय देशों के लोग काफी खुले विचारों वाले होते हैं लेकिन वे अपने नेताओं को एक दायरे मे देखना ज्यादा पसंद करते हैं.मौजूदा राष्ट्रपतिफ्रांस्वा ओलांद फ्रांसकेकम लोकप्रिय नेता माने जाते हैं.पिछले चुनाव में अपनी अल्प लाेकप्रियता के बावजूद वेनिकोलस सरकोजी को हराकर वे फ्रांस के राष्‍ट्रपति बने थे. 2017 में होने वाले राष्‍ट्रपति चुनाव में एक बार फिर से निकालस सरकोजी ने आपनी दावेदारी पेश की है. सरकोजी ने अपनी नयी किताब ‘टूट पोर ल फ्रांस’ की प्रस्तावना में लिखा, ‘मैंने राष्‍ट्रपति पद के लिए 2017 में होने वाले चुनाव में उम्मीदवार बनने का फैसला किया है.’ पिछले चुनाव में सरकोजी की हार का एक कारण उनका निजीजीवनमाना जा रहा है.

अपनी तीसरी पत्नी 90 के दशक की बोल्‍ड मॉडल कार्ला ब्रूनी के साथ सार्वजनिक जगहों पर अटखेलिया लोगों की कुछ रास नहीं आयीं. जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने और बिंदास प्रेम करने वालों में ब्रुनी और सरकोजी का नाम भी शामिल है. इटली के एक बिजनेस परिवार की बेटी से लेकर फ्रांस की फर्स्ट लेडी बनने तक 43 साल की कार्ला ब्रूनी का सफर एक खुली किताब की तरह है.पिछले चुनाव के दौरान सरकोजी के कामकाज पर उनकी पत्नी कार्ला ब्रुनी का व्यक्तित्व हावी हो गया था अौर मीडिया में वहीं चर्चा का प्रमुख बिंदु बन गया था.

गुस्सैल स्वभाव के हैं सरकोजी

निकोलस सरकोजी को गुस्सैल स्वभाव का माना जाता है. उनकी इसी प्र‍वृति के कारण उन्होंने अपनी पहली दो पत्नियों से भी संबंध विच्छेद कर लिए. हालांकि कहा जाता है कि ब्रुनी से शादी के बाद निकोलस में कई बदलाव आए और उनके गुस्सैल स्वभाव में भी कुछ बदलाव नजर आया. ब्रुनी के साथ खुलेआम प्रेम प्रदर्शन कर सरकोजी काफी चर्चा में रहे. ऐसा कहा जाता है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी देश के अब तक के सबसे भड़कीले राष्ट्रपति हैं, एक पुस्तक में यह भी दावा किया गया है कि भड़कीले होने केअलावासरकोजी निर्दयी भी हैं. पुस्तक के अनुसार सरकोजी की अपनी पत्नियों और प्रेमिकाओं से कई बार गर्मागर्म बहस हुई है.

हारने के बाद राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की थी

निकोलस को पिछले राष्‍ट्रपति चुनाव में फ्रास्वा ओलांद के कारण हार का सामना करना पड़ा हालांकि चुनाव के दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि अगर वे चुनाव हार जाते हैं तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे. एक साक्षात्कार में सरकोजी ने कहा था कि वह मतदाताओं का विश्वास जीतने, फ्रांसीसी लोगों के हितों के संरक्षण एवं मजबूत फ्रांस के निर्माण में उनका नेतृत्व करने के लिए सर्वोत्कृष्ट प्रयास करेंगे. उस समय सरकोजी के उनके पुराने पेशे वकालत में फिर से सेवाएं देने की बात भी की जा रही थी.

ओबामा ने सरकोजी को कहा था धन्यवाद

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्‍ट्रपति चुनाव हारने के बाद पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को फोन किया और उन्हें फ्रांस को मजबूत नेतृत्व प्रदान करने के अलावा विभिन्न चुनौतियों के दौरान अमेरिका के साथ दोस्ती निभाने और भागीदारी करने के लिए भी धन्यवाद दिया था. उस समय व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने एक बयान में बताया था कि ओबामा ने जनवरी 2009 से अब तक दोनों नेताओं के बीच विशेष महत्वपूर्ण सहयोग बनाए रखने के लिए उनकी प्रशंसा की. कार्नी ने बताया था कि राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि वह और श्रीमती ओबामा राष्ट्रपति सरकोजी और उनकी पत्नी कार्ला के सुखद भविष्य की कामना करते हैं. हालांकि सरकोजी के शासनकाल में ही उनकी तीसरी पत्नी कार्ला ब्रुनी ने मिशेल ओबामा की जमकर आलोचना की थी. ब्रुनी ने कहा था कि मिशेल ओबामा ने व्हाइट हाउस को नारकीय और दमघोटूं बना दिया है.

सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का किया था समर्थन

निकोलस सरकोजी ने इसी साल के अपने भारत दौरे के क्रम में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करते हुए कहा था कि यह कल्पना करना ‘बेतुका’ है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र विश्व निकाय की इस शक्तिशाली इकाई का अभी तक स्थायी सदस्य नहीं बना है. सरकोजी ने कहा था कि भारत जल्द ही विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होगा और ‘यह वास्तव में कल्पना करना बेतुका है’ कि ‘वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है.’ फ्रांस में वर्तमान में विपक्ष के नेता सरकोजी ने कहा, ‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के पास सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हो. आप एक अरब भारतीयों को नजरंदाज कैसे कर सकते हैं?’ उन्होंने स्वयं को ‘भारत का मित्र’ बताते हुए कहा था कि भारत के बारे में कुछ ‘बहुत विशेष’ है और उनमें उसके लिए ‘गहरा आकर्षण’ है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच एक रणनीतिक साझेदारी होनी चाहिए.

सरकोजी की पत्नी कार्ला ब्रुनी के बारे में

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के साथ खुलेआम प्रेम प्रदर्शन करके ब्रुनी हमेशा चर्चा में रही. सरकोजी से शादी के तुरंत बाद महारानी एलिजाबेथ को इंतजार करवाकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं. ब्रुनी ने बदचलनी की आरोप में घिरी एक ईरानी महिला को मिली मौत की सजा की आलोचना की थी. इस आलोचना से बौखलाए ईरानी मीडिया ने उन्हें ‘घर तोड़ने वाली वेश्या’ तक कह डाला था. कार्ला का जन्म इटली के एक नामी व्यवसायी परिवार में हुआ था. 1970 में मार्क्स-लेनिनवादी समर्थकों की रेडब्रिगेड की तरफ से मिलने वाली धमकियों के चलते कार्ला के परिवार को फ्रांस में शरण लेनी पड़ी. उस समय कार्ला की उम्र सात साल थी. मॉडलिंग के प्रति दीवानगी के चलते वह 19 साल की उम्र में मॉडल बन गयी. फिर सुपर मॉडल बनकर उन्होंने सफलता की ऊंचाइयों को छुआ. उसी दौर में कार्ला के एक न्यूड फोटो की नीलामी 91 हजार यूएस डॉलर में हुई. अपने जीवन में ब्रुनी कई पुरुषों के साथ संबंधों का दावा करती हैं. लेकिन सरकोजी के साथ संबंध होने के बाद उनके जीवन में ठहराव भी देखने को मिला है. सरकोजी के साथ सार्वजनिक तौर पर रोमांस के कारण ब्रुनी और सरकोजी की काफी किरकिरी हो चुकी है.

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