भारतीय स्कॉरपीन पनडुब्बी से जुड़ी ”टॉप सीक्रेट” लीक, रक्षा मंत्री को रात 12 बजे मिली खबर
सिडनी: स्कॉरपीन-क्लास पनडुब्बी की युद्धक क्षमता से जुड़ी गुप्त जानकारी लीक होने की खबर ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. फ्रांसीसी रक्षा सौदों के कॉन्ट्रैक्टर डीसीएनएस के पास से उसी के द्वारा भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई इस पनडुब्बी की गुप्त जानकारी लीक हुई है. इस संबंध में एक ऑस्ट्रेलियाई दैनिक अखबार […]
सिडनी: स्कॉरपीन-क्लास पनडुब्बी की युद्धक क्षमता से जुड़ी गुप्त जानकारी लीक होने की खबर ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. फ्रांसीसी रक्षा सौदों के कॉन्ट्रैक्टर डीसीएनएस के पास से उसी के द्वारा भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई इस पनडुब्बी की गुप्त जानकारी लीक हुई है. इस संबंध में एक ऑस्ट्रेलियाई दैनिक अखबार ने आज एक खबर छापी है. अखबार के अनुसार उसके पास पनडुब्बी से जुड़ी गोपनीय जानकारी वाले लीक हो चुके 22,400 पृष्ठ आए जिसे उन्होंने पढ़ा. इसमें बहुत सी गुप्त बातों का जिक्र किया गया है.
रात के 12 बजे मिली जानकारी : पर्रिकर
इस खबर के प्रकाश में आने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि मुझे रात के 12 बजे जानकारी मिली है, यह हैकिंग का मामला है. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह हमसे संबंधित है या नहीं. उन्होंने कहा कि स्कॉर्पियन पनडुब्बी लीक मामले में नेवी चीफ जांच करेंगे.इधर, नेवी ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि जानकारियों को विदेश में लीक किया गया है न कि भारत में.
‘रेस्ट्रिक्टिड स्कॉरपीन इंडिया’
अखबार के अनुसार इसी पनडुब्बी के अन्य वेरिएंट मलेशिया और चिली इस्तेमाल करते हैं, और ब्राज़ील भी 2018 में इन्हीं को तैनात करने की तैयारी में है. यही नहीं इसी साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया ने भी डीसीएनएस के साथ 50 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का सौदा किया है, ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि वह उनके लिए अगली पीढ़ी की कही जाने वाली पनडुब्बियां डिज़ाइन करे और उसे उपलब्ध कराये. अखबार के अनुसार लीक हुए दस्तावेज़ों पर ‘रेस्ट्रिक्टिड स्कॉरपीन इंडिया’ साफ शब्दों में लिखा हुआ है, जिसमें भारत में बनाई जा रही नई सबमरीन फ्लीट के युद्धक क्षमता के बारे में जानकारी उपलब्ध है. यही नहीं हज़ारों पृष्ठों में पनडुब्बी के सेंसरों के बारे में और कुछ हज़ार पृष्ठों में इसके संचार तथा नेवीगेशन सिस्टमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.
डीसीएनएस ने शुरू की जांच
लगभग 500 पृष्ठों में सिर्फ टॉरपीडो लॉन्च सिस्टम के बारे में जानकारी देने की बात अखबार में कही गई है. डीसीएनएस ने समाचार एजेंसी एएफपी से इस संबंध में बात की है और कहा है कि उन्हें ऑस्ट्रेलियन प्रेस में छपी ख़बरों के बारे में पता चल चुका है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है जल्द ही इस संबंध में सबकुछ साफ हो जाएगा. डीसीएनएस की ओर से कहा गया है कि जांच में पता लगाया जाएगा कि किस तरह के दस्तावेज़ लीक हुए हैं, उनसे ग्राहकों को क्या-क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है. डीसीएनएस ने कहा है कि इस लीक के लिए कौन लोग दोषी हैं इसका पता लगाया जाएगा.
शक की सुई फ्रांसीसी नौसेनाधिकारी पर भी
अखबार के अनुसार डीसीएनएस का यह भी मानना है कि दस्तावेज़ भारत में भी लीक हो सकते हैं, फ्रांस में नहीं. हालांकि अखबार ने कहा कि इन दस्तावेज़ों के बारे में यह भी माना जाता है कि वे वर्ष 2011 में फ्रांस से ही उस पूर्व फ्रांसीसी नौसेनाधिकारी ने निकाले, जो उस वक्त डीसीएनएस का सब-कॉन्ट्रैक्टर रह चुका था.