अगले सप्ताह भारत आयेंगे जॉन केरी

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दृष्टिकोण साझा किया था उसके अनुसार अमेरिका और भारत के मजबूत आर्थिक संबंधों से दोनों देशों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं और उनकी अर्थव्यव्स्था भी दृढ होगी. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2016 11:04 AM

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दृष्टिकोण साझा किया था उसके अनुसार अमेरिका और भारत के मजबूत आर्थिक संबंधों से दोनों देशों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं और उनकी अर्थव्यव्स्था भी दृढ होगी. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कल यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘राष्ट्रपति का मानना है कि दोनों देशों के बीच प्रभावी सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है, रोजगार के अवसर पैदा हो सकते है और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सकता है. और मुझे मालूम है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा से इसी प्रकार के लक्ष्य साझा किये हैं.’

उन्होंने कहा कि ओबामा को इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नरेन्द्र मोदी के रुप में एक प्रभावी वार्ताकार और सहयोगी मिल गया है. उन्होंने बताया, ‘‘राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के शुरुआती साढे सात साल के दौरान हुई प्रगति से खुश हैं और हम अगले पांच माह भी ऐसे प्रयास करते रहेंगे.’ अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर अगले सप्ताह दूसरी रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता (एस एंड सीडी) के लिए भारत जाएंगे. संभवत: यह भारत और निवर्तमान होने जा रहे ओबामा प्रशासन के बीच अंतिम वार्ता होगी.

इसी दौरान भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अमेरिका में अपने समकक्ष एश्टन कार्टर से मिलने के लिए अमेरिका आएंगे. ओबामा और मोदी की अगले माह चीन में जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग, मुलाकात की संभावना है. हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं हुयी है. अर्नेस्ट ने बताया कि ओबामा ने अमेरिका और भारत के संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन लगाये हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ओबामा दो मौकों पर भारत गये और मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि उनके दोनों दौरे दुनिया के दो बडे लोकतंत्रों के बीच राजनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए थे. इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को और अधिक दृढ करने के भी प्रयास किये.’

Next Article

Exit mobile version