नयी दिल्ली /श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सभी पक्षों से बातचीत सहित तीन सूत्री कार्ययोजना पेश की, ताकि घाटी में स्थायी शांति बहाल हो सके. आठ जुलाई को अशांति शुरू होने के बाद मोदी के साथ महबूबा की पहली मुलाकात एक घंटे तक चली. लगातार हिंसा व मौतों पर क्षोभ व्यक्त करते हुए महबूबा ने राज्य की समस्याओं के हल व राज्य की स्थिति में सुधार के लिए सभी पक्षों को शामिल करने पर बल दिया. महबूबा ने तत्कालीन वाजपेयी सरकार की ओर से शुरू की गयी सुलह व संकल्प प्रक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज भी उसी पहल की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए हम एक ऐसा समूह गठित करें, जिन पर कश्मीर के लोगों को भरोसा हो. पूर्व सीएम (महबूबा के पिता) दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद को याद करते हुए कहा कि वह कहते थे-कश्मीर मुद्दे का हल केवल वह प्रधानमंत्री ही कर सकते हैं, जिनके पास दो तिहाई बहुमत हो. आज मोदी जी के पास बहुमत है. यदि उनके कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ, तो फिर कभी नहीं होगा. महबूबा ने संकट के हल के लिए प्रदर्शनकारियों से मदद की अपील की और कहा कि अपनी चिंताओं व आकांक्षाओं के हल के लिए कृपया मुझे एक मौका दें. पाकिस्तान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उसे उन लोगों का समर्थन बंद करना चाहिए, जो घाटी में युवाओं को पुलिस स्टेशनों या सेना के शिविरों पर हमले के लिए भड़का रहे हैं.