बृहस्पति के सबसे नजदीक से गुजरा नासा का जूनो अंतरिक्षयान
वाशिंगटन : सौर उर्जा से चलने वाले नासा के जूनो अंतरिक्षयान ने पहली बार बृहस्पति के सबसे निकट से उडान भरने में सफलता प्राप्त की. अंतरिक्षयान ग्रहों के राजा कहे जाने वाले बृहस्पति के महज 4,200 किलोमीटर के उपर से गुजरा। ऐसा पहली बार हुआ है जब मानव निर्मित कोई यान इस ग्रह के इतने […]
वाशिंगटन : सौर उर्जा से चलने वाले नासा के जूनो अंतरिक्षयान ने पहली बार बृहस्पति के सबसे निकट से उडान भरने में सफलता प्राप्त की. अंतरिक्षयान ग्रहों के राजा कहे जाने वाले बृहस्पति के महज 4,200 किलोमीटर के उपर से गुजरा। ऐसा पहली बार हुआ है जब मानव निर्मित कोई यान इस ग्रह के इतने निकट तक पहुंचा हो. नासा ने कहा कि 27 अगस्त को पहली बार जूनो के सभी वैज्ञानिक उपकरण सक्रिय और विशाल ग्रह का अवलोकन करते हुए पाये गये क्योंकि जूनो का जूम तकनीक काम कर रहा था.
जूनो 2,08,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गैस से भरे विशाल ग्रह से महज 42,00 किलोमीटर की उंचाई से गुजरा. अपने प्रमुख मिशन के दौरान जूनो बृहस्पति ग्रह पर भी जायेगा. अमेरिका में नासा के जेट प्रोपल्सन लैबरोट्री में जूनो के प्रोजेक्ट मैनेजर रिक निबाक्केन ने कहा कि बृहस्पति के पास से गुजरने के बाद शुरुआती विश्लेषण में ये संकेत मिले हैं कि सबकुछ योजना के अनुरुप हुआ और जूनो पूरी दक्षता के साथ कार्य कर रहा है. जूनो का मिशन फरवरी 2018 में समाप्त होगा और इस दौरान बृहस्पति के निकट से इसके 35 और बार गुजरने की योजना है. सान अंटोनियो के दक्षिणपश्चिम अनुसंधान संस्थान में जूनो के प्रमुख अनुसंधानकर्ता स्कार्ट बालटन ने कहा कि उन लोगों को कुछ जटिल शुरआती आंकडे प्राप्त हुए हैं.
बाल्टन ने कहा, ‘‘बृहस्पति के निकट से अंतरिक्षयान के गुजरने के बाद जो आंकडे प्राप्त हुए हैं, उन्हें डाउनलिंक करने में कुछ दिन लगेंगे और इस बात को समझने में कुछ और दिन लगेंगे कि जूनो और बृहस्पति हमसे क्या कहने का प्रयास कर रहे हैं.” इस अंतरिक्षयान को पांच अगस्त 2011 को फ्लोरिडा से प्रक्षेपित किया गया था और यह इस वर्ष चार जुलाई को बृहस्पति के निकट पहुंचा था.