भारत के स्कॉर्पीन पनडुब्बी के दस्तावेज लीक मामले में फ्रांस की रक्षा कंपनी डीसीएनएस ने अब ऑस्ट्रेलियाई सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और वहां की अखबार ‘द ऑस्ट्रेलियन’ पर मामला दर्ज करवाया है. डीसीएनएस का कहना है कि यही अखबार भारत के लिए तैयार की जा रही इस निर्माणाधीन पनडुब्बी से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित कर रहा है. डीसीएनएस ने अखबार पर डाटा लीक करने का आरेप मढ़ा है. डीसीएनएस ने अपनी याचिका में कहा है कि अखबार से दस्तावेजों को हासिल कर उसे सौंपा जाए और उसकी वेबसाइट से भी इसकी सामग्री हटाई जाए. कंपनी के वकील जस्टिन मुनसे ने कहा कि बेहद महत्वपूर्ण, प्रतिबंधित और संवेदनशील दस्तावेजों को जारी कर डीसीएनएस और उसके ग्राहकों को सीधा नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
डीसीएनएस अदालत से यह आदेश चाहती है कि अखबार उसके स्वामित्व वाले दस्तावेज कंपनी को सौंप दे और अपनी वेबसाइट से इससे संबंधित सामग्री को हटा ले. डीसीएनएस के वकील जस्टिन मुनसी की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों के प्रकाशन से डीसीएनएस को प्रत्यक्ष तौर पर नुकसान हुआ है. इसके अलावा इसके ग्राहकों को भी संवेदनशील और प्रतिबंधित सूचनाओं, तस्वीरों के प्रकाशन से नुकसान हुआ है. इससे पहले अखबार ने कहा था कि वह पनडुब्बी की हथियार प्रणाली के संबंध में जानकारी का प्रकाशन सोमवार को करेगा.
इस बीच भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस लीक को कमतर करार देने की कोशिश करते हुए कहा है कि यह ‘बहुत बड़ी चिंता की बात नहीं है.’ पर्रिकर का कहना है कि लीक हुए डेटा में सबमरीन्स के सिस्टम की डिटेल नहीं हैं, इसलिए यह बहुत फिक्र की बात नहीं है. हालांकि ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के हाथ लगे सीक्रट डेटा में एसएम 39 ऐंटी-शिप मिसाइल की क्षमताओं का भी जिक्र है, जिसे संभवत: स्कॉर्पीन में इस्तेमाल किया जाना है.