नयी दिल्ली/श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्यार व एकता को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए मूल मंत्र बताया. साथ ही मासूमों को उकसानेवालों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि एक न एक दिन उन लोगों को इन बेकसूर बच्चों को जवाब देना ही होगा. जोर देकर कहा कि कश्मीर में यदि एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षा कर्मी, यह हमारे देश का नुकसान है.
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में घाटी में अशांति की चर्चा करते हुए कहा कि घाटी में सभी पक्षों के साथ संवाद में एक चीज उभरी है, जिसे सरल शब्दों में एकता व ममता कहा जा सकता है. इसी रास्ते पर चल कर बात बनेगी. कश्मीर पर सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में बात की है, जिससे पूरी दुनिया में और अलगाववादी ताकतों तक संदेश पहुंचा है. साथ ही कश्मीरवासियों तक हमारी भावनाएं पहुंची हैं.
मोदी ने कहा कि यह देश बहुत बड़ा और विविधताओं से परिपूर्ण है. इसे एकजुट रखने के लिए एक नागरिक, एक समाज और एक सरकार के तौर पर हम सभी की जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियों से एक दिन पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी से मुलाकात कर ‘तीन सूत्रीय कार्य योजना’ उन्हें पेश की थी. 35 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न ओलिंपिक खेलों का भी जिक्र किया और नारी शक्ति की सराहना की.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जायेगा कश्मीर !
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ कश्मीर घाटी के मौजूदा हालात के बारे में चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि कश्मीर की सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा और संभावित तारीखों के बारे में चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सितंबर के प्रथम सप्ताह में राज्य की यात्रा करने की संभावना है.
अलगाववादियों का हड़ताल कैलेंडर जारी
श्रीनगर समेत दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में कर्फ्यू लगातार 51 वें दिन भी जारी रहा. इस वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. दुकानें, निजी कार्यालय, शैक्षिक संस्थान और पेट्रोल पंप बंद रहे. वहीं अलगाववादियों ने एक सितंबर तक के लिए हड़ताल का कैलेंडर जारी किया है.
इधर, मोदी के खिलाफ बलूचिस्तान विस में निंदा प्रस्ताव पारित
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की विधानसभा ने बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और संघीय सरकार से मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने को कहा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि बलूचिस्तान के बारे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने साबित किया है कि प्रांत में आतंकवाद स्पष्ट रूप से भारत प्रायोजित है.
जो भी हिंसा को खारिज करने और शांति बहाली में मदद के लिए तैयार है, उनसे कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए बातचीत की जानी चाहिए. अलगाववादी शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, तो बातचीत की प्रक्रिया में उन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए.
महबूबा मुफ्ती, सीएम
अगर पीएम मानते हैं कि सिर्फ पांच फीसदी लोग परेशानी पैदा कर रहे हैं, तो क्यों 51 दिन से कर्फ्यू है. एकतरफा संवाद करने की बजाय कश्मीरी लोगों के मन की बात प्रधानमंत्री को सुनना चाहिए.
मनीष तिवारी,कांग्रेस
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कांग्रेस जैसे दल अपने राजनीतिक हितों और दुर्भावना के चलते उनकी आलोचना कर रहे हैं. सभी दलों को एक स्वर में बोलना चाहिए ताकि पाकिस्तान के षड्यंत्र को उजागर कर सकें.
श्रीकांत शर्मा, भाजपा