आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा मुखिया मायावती ने रविवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में सपा और भाजपा पर जोरदार हमला बोला. ‘सर्वजन हिताय’ रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि दोनों (केंद्र और प्रदेश) सरकारों ने लोगों को धोखा दिया है. दोनों दल आपस में मिले हुए हैं. इनके बीच साठगांठ है और विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू मुसलिम दंगे करवा सकते हैं. लेकिन, अब लोगों को यह बात समझ में आने लगी है.
बसपा प्रमुख ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग सरकार को गरीब एवं दलित विरोधी बताया और कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार अपनी कमियों से ध्यान हटाने के लिए कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर युद्ध (पाकिस्तान के साथ) में जा सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन के वादे दो साल में बुरे दिन में बदल गये हैं. केंद्र सरकार अमीरों के पक्ष में काम कर रही है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा इससे जुड़े सांप्रदायिक संगठनों को मजबूत कर रही है. मायावती ने सपा पर गुंडों-माफिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा सत्ता में वापस आने के बाद पुन: काननू का राज कायम करेगी. आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी और सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटवाये जायेंगे.
कांग्रेस भी निशाने पर
मायावती ने कांग्रेस को निशाने पर लिया और सवर्ण जाति के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने की उसकी मांग का मजाक बनाते हुए कहा कि 54 साल केंद्र की सत्ता में रहे तब इसकी याद नहीं आयी.
निर्वाचन आयोग ने मांगे 200 आयकर अधिकारी
निर्वाचन आयोग ने अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसते हुए सरकार से आयकर विभाग से 200 अधिकारी मांगे हैं, जो कालाधन की समस्या से निपटने के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर कार्य कर सकें. भारतीय राजस्व सेवा कैडर के ये अधिकारी सीबीडीटी से मांगे गये हैं. निर्वाचन आयोग देश में चुनाव कराने के लिए हर बार इन अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति पर मांग करता है. आयोग ने इस महीने की शुरुआत में सीबीडीटी को पत्र लिख कर चुनाव कराने के लिए ये अधिकारी मांगे.