नयी दिल्ली : अमेरिका ने आज एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद पर पाठ पढाया है. भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी विदेश सचिव जॉन केरी ने कहा है कि पाकिस्तान को आतंकवाद की शरणस्थलियों का सफाया करने और अपनी धरती से संचालित होने वाले ‘‘घरेलू संगठनों’ के खिलाफ कडी कार्रवाई करने की दिशा में अधिक काम करने की आवश्यकता है. ये वैसे संगठन हैं, जो भारत के साथ उसके संबंधों और अफगानिस्तान की शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं.
तीन दिन की भारत यात्रा पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि उन्होंने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे संगठनों के खिलाफ कडा कदम उठाने के मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ चर्चा की है. आईआईटी-दिल्ली में एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दाएश, अल कायदा, लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का मुकाबला कोई देश अकेले नहीं कर सकता.
कैरी ने कहा, ‘‘हम इसपर काम कर रहे हैं. मैं इस मुद्दे पर बहुत मेहनत करता रहा हूं. मैंने नवाज शरीफ से कई मुलाकातें की हैं. हमने पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में आतंकी शरणस्थलियों के मुद्दे पर और हक्कानी नेटवर्क एवं लश्कर ए तैयबा से प्रभावी ढंग से निपटने के मुद्दे पर बात की है.’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बात स्पष्ट है कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों में लिप्त अपने घरेलू संगठनों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने के लिए काम करना है. पाकिस्तान को उन बुरे तत्वों के सफाए में हमारी मदद करनी होगी, जो न सिर्फ भारत और पाकिस्तान के संबंध पर असर डाल रहे हैं बल्कि अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता हासिल करने की हमारी योग्यता को भी प्रभावित कर रहे हैं.’ केरी ने कहा कि पाकिस्तान ने हालिया महीनों में इस प्रक्रिया को तेज किया है.