लाहौर : पाकिस्तान की पंजाब असेंबली के विधायकों ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के उस हालिया बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘पाकिस्तान जाना नरक के समान है” और उनकी इस टिप्पणी पर कडा विरोध दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान सरकार से भारतीय राजदूत को तलब करने को कहा है. सूबाई असेंबली में व्यवस्था का प्रश्न खडा करते हुए सत्ता पक्ष के सदस्य रमेश सिंह अरोडा ने कहा कि पर्रिकर का बयान ‘‘खेदजनक” है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने ना केवल अपनी मांग को लेकर आवाज उठाने वाले कश्मीरियों के खिलाफ अत्याचार किया है बल्कि पाकिस्तान पर कश्मीर में हिंसा भडकाने का भी आरोप लगाया है.” उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार पर निश्चित रुप से लगाम लगनी चाहिए.”
अरोडा और असेंबली के अन्य सदस्यों ने मांग की कि विदेश मंत्रालय भारतीय राजदूत को तलब करे और पर्रिकर के बयान के खिलाफ कडा विरोध दर्ज कराए. सत्ता पक्ष के एक अन्य सदस्य शेख अलाउद्दीन ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर असेंबली सदस्यों से बातचीत के लिए पंजाब असेंबली को भारतीय उपन्यासकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुंधति राय को निमंत्रित करना चाहिए. उन्होंने पंजाब असेंबली के अध्यक्ष से उनके प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने को कहा. मंत्री राजा अश्फाक सरवर ने उनके सुझाव की तारीफ करते हुए सदन का ध्यान इसके कानूनी एवं राजनीतिक पहलुओं की ओर आकृष्ट किया.
सरवर ने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय से संभवत: इस संबंध में संपर्क किया जा सकता है और पाकिस्तान यात्रा खासकर पंजाब असेंबली की यात्रा के लिए राय को आमंत्रित करने के शेख अलाउद्दीन के सुझाव पर अगला कदम उठाया जाना चाहिए.” कल के सत्र के दौरान सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों के कई अन्य सदस्यों ने कश्मीर में हिंसा के लिए भारत की आलोचना की थी और कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन किया था.
संसदीय सचिव राना अरशद ने सदन को बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए सांसदों की एक समिति का गठन किया है. इससे पहले पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्यों ने भी पर्रिकर के बयान की आलोचना करते हुए यह मांग की थी कि उन्हें पाकिस्तान के लोगों की भावनाएं आहत करने के लिए माफी मांगनी चाहिए.