महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में निभा रही हैं महती भूमिका

दिनकर ज्योति देवघर की अंजना बजाज अपने परिचय के लिए आज किसी का मोहताज नहीं है. उनके मन में जनसेवा की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है. इस कारण पूरे जिले में उनकी खास पहचान है. किसी को मदद करना कोई इनसे सीखे. जिले में महिलाओं की परेशानी को देखते हुए इनके अंदर जनसेवा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2014 11:21 AM

दिनकर ज्योति

देवघर की अंजना बजाज अपने परिचय के लिए आज किसी का मोहताज नहीं है. उनके मन में जनसेवा की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है. इस कारण पूरे जिले में उनकी खास पहचान है. किसी को मदद करना कोई इनसे सीखे. जिले में महिलाओं की परेशानी को देखते हुए इनके अंदर जनसेवा की भावना जगी. इन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का ठान लिया. फिर क्या था मेनका फैशन एवं प्रशिक्षण केंद्र नामक स्वयंसेवी संस्था का पंजीयन कराया. इसी के माध्यम से महिला सेवा व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में जुट गयीं. अबतक अपने छोटे से कार्यकाल में वे एक हजार महिलाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दे चुकी हैं.

2011 में कराया संस्था का पंजीयन
अपने घर पर ही मेनका ब्यूटी पार्लर चलाती थीं. इसी दौरान 2011 में उन्होंने मेनका फैशन एवं प्रशिक्षण केंद्र के नाम से एक संस्था का पंजीयन कराया. शुरुआती दौर में घर के आसपास की बेरोजगार महिलाओं व लड़कियों को प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया. प्रचार-प्रसार होने के बाद जिले के मधुपुर, मोहनपुर, सारठ, सारवां आदि प्रखंडों की महिलाएं भी इनके पास आने लगीं.

किताब पढ़ने का है शौक
वैसे तो वह हर समय व्यस्त रहती हैं, लेकिन घर के लिए समय निकाल ही लेती हैं. उन्हें एक पुत्र मिकू व पुत्री श्रुति है. वे घर का सारा काम खुद करती हैं. वे मेनका ब्यूटी पार्लर भी संचालित करती हैं. व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर हर दिन किताब भी पढ़ती हैं.

रोजगारपरक प्रशिक्षण देती हैं
वह रोजगारपरक कार्यो का प्रशिक्षण देती हैं. ताकि महिलाएं अपना व परिवार के सदस्यों का भरन-पोषण सम्मान के साथ कर सकें. वह मेहंदी, सिलाई, कढ़ाई, पेंटिंग, ग्लास पेंटिंग, ब्यूटीशियन, सेरेमिक आर्ट, योग, फ्लावर मेकिंग, केक, पापड़ आदि का प्रशिक्षण दे रही हैं.

अब तक नहीं ली है सरकारी मदद
रजिस्ट्रेशन होने के तीन साल बाद भी सरकारी व गैर सरकारी किसी प्रकार की आर्थिक मदद उन्होंने नहीं ली है. निजी कमाई से सारा खर्च कर रही हैं. इससे सभी लोग काफी प्रभावित हो रहे हैं.

क्या कहती है अंजना
इस संबंध में अंजना बजाज कहती हैं कि महिलाओं को मदद नहीं, सहानुभूति की जरूरत है. वह किसी भी चीज में पुरुषों से पीछे नहीं हैं. आज विश्व में हर दिन महिलाएं कुछ नया करती दिख रही हैं. उन्होंने कहा कि हर पुरुष की सफलता के पीछे महिला का हाथ होता है. महिलाओं को भी पुरुषों की सहानुभूति मिले तो वह भी मंजिल पा सकती हैं. उनका मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. ताकि वह भी सम्मान के साथ समाज में जी सकें.

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