बुलेट ट्रेन सहित कई परियोजनाओं के लिए पांच अरब डालर के कोष पर कर रहा काम है रेल मंत्रालय

मुंबई : रेल मंत्रालय अपनी विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये पांच अरब डालर का कोष बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रुप देने में लगा है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि जैसे ही प्रस्तावित भारतीय रेलवे विकास कोष (आरआईडीएफ) को एक बार अंतिम रुप दे दिया जाता है, इसे मंजूरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2016 7:34 PM

मुंबई : रेल मंत्रालय अपनी विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये पांच अरब डालर का कोष बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रुप देने में लगा है.

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि जैसे ही प्रस्तावित भारतीय रेलवे विकास कोष (आरआईडीएफ) को एक बार अंतिम रुप दे दिया जाता है, इसे मंजूरी के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा.इंडियन मर्चेन्ट्स चैंबर द्वारा आयोजित एक सेमिनार में प्रभु ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की मंजूरी से पहले प्रस्तावित पांच अरब डालर के भारतीय रेलवे विकास कोष के रास्ते में कुछ बाधायें थी जिन्हें दूर किया जाना था. हमने कोष के गठन को लेकर लगभग सभी काम कर लिया है और उम्मीद है कि हम जल्दी ही इसे मंत्रिमंडल के समक्ष ले जाएंगे.” विश्वबैंक के समर्थन से गठित होने वाले इस कोष की अवधि सात साल होगी.
रेलवे बोर्ड की कार्यकारी निदेशक (रिसोर्स मोबिलाइजेशन) नमिता मेहरोत्रा ने कहा, ‘‘करीब 20 प्रतिशत कोष वित्त मंत्रालय से तथा हमारा अनुमान है कि शेष पेंशन और सोवरेन फंड से आएगा.” उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय की हिस्सेदारी इक्विटी के रुप में आएगी.
कार्यकारी निदेशक ने कहा कि प्रस्तावित कोष का उपयोग मुख्य रुप से प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं में निवेश में किया जाएगा. प्रभु ने कहा कि पेंशन कोष रेलवे में धन लगाने को लेकर उत्सुक हैं क्योंकि यह उनके लिये निश्चित दीर्घकालीन रिटर्न और पूंजी की सुरक्षा के साथ एक दीर्घकालीन निवेश गंतव्य है.
बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन का समय छह वर्ष तय किया गया है. यह 2017 से 2023 के बीच होगा। यह परियोजना 508 किलोमीटर की होगी. इसकी संचालन गति 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी जबकि अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. प्रभु ने सूचित किया कि सरकार ने सार्वजनिक उपक्रम के लिये एक एकीकृत विकास मॉडल का भी प्रस्ताव किया है.
उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों का फिर से विकास एकीकृत ढंग से किया जायेगा जिसमें कि रेलगाडी, बसें, आटोरिक्शा और टैक्सी सभी के लिये स्थान होगा. उनहोंने कहा, ‘‘हमने गुजरात सरकार और सूरत के नगर निगम के साथ दो सप्ताह पहले सूरत स्टेशन के पुनर्विकास के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. दिल्ली और उसके आसपास दो और स्टेशनों पर भी काम जल्द शुरु होगा.”

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