लाहौर : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम तब तक एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (निकास नियंत्रण सूची) में रखना चाहिये, जब तक कि पनामा पेपर्स में उनके परिवार के सदस्यों की विदेशी संपत्ति के बारे में किए गए खुलासे की जांच पूरी नहीं हो जाती. इमरान खान ने लाहौर में एक बडी रैली को संबोधित करते हुये ये बात कहीं .
यह रैली कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को निशाना बनाने के लिए आयोजित की गयी थी. खान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम तब तक ईसीएल (निकास नियंत्रण सूची) में रखना चाहिये, जब तक कि पनामा पेपर्स में उनके परिवार के सदस्यों की विदेशी संपत्ति के बारे में किए गए खुलासे की जांच पूरी नहीं हो जाती.
उच्चतम न्यायालय को उनका नाम ईसीएल में रखने के लिए आदेश देना चाहिये.” खान ने कहा कि जब वह सत्ता में आएंगे, तो नवाज शरीफ जेल में होंगे. खान ने कहा कि इस माह ईदउल अजहा के बाद यदि नवाज विदेशों में बनाई गई संपत्ति के बारे में उनके चार सवालों का जवाब देने में विफल रहते हैं, तो उनकी पार्टी शरीफ के रायविंद आवास की ओर मार्च निकालेगी. उन्होंने कहा, ‘‘नवाज को पाकिस्तान को बताना चाहिये कि उन्होंने अरबों रुपये किस तरह कमाए और इन्हें किस तरह से विदेश भेजा. लंदन में अपार्टमेंट खरीदने के लिए उन्होंने जो धन दिया है, उसके लिए उन्होंने कितना कर चुकाया है.”
खान ने कहा कि यदि नवाज सोचते हैं कि वह पनामा लीक्स से बच जाएंगे, तो वह गंभीर गलती कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पनामागेट नवाज शरीफ को छोडेगा नहीं.” खान ने नेशनल अकाउंटबिलटी ब्यूरो :एनएबी:, फेडरल बोर्ड आफ रिवेन्यू (एफबीआर) और फेडरल इनवेस्टिगेशन के प्रमुखों से नवाज शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों की विदेशों में स्थित संपत्तियों की जांच शुरु करने और कार्रवाई करने के लिए कहा. उन्होंने पाकिस्तान चुनाव आयोग को सत्ताधरी पीएमएल-एन की बी-टीम करार दिया.
उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ चाहते हैं कि पनामा पेपर्स मामले की जांच उनकी ही सरकार के कानूनों के मुताबिक हो. उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान आतंकियों के आतंकवाद के साथ, आर्थिक आतंकवाद भी झेल रहा है. उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन जवाबदेही से बचने के लिए संस्थानों को नष्ट कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं शरीफ के साम्राज्य को चेतावनी देता हूं कि हमारा विरोध शांतिपूर्ण है, इसलिए उनके लिए हमारा विरोध नहीं करना ही बेहतर है.”
इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ से भी अपने कार्यकाल को बढाये जाने और फील्ड मार्शल के नये कार्यालय का बहिष्कार करने की गुजारिश की. उन्होंने कहा, ‘‘नवाज शरीफ जनरल राहील को उनका कार्यकाल बढाये जाने और फील्ड मार्शल कार्यालय का प्रस्ताव देकर रिश्वत देने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया.” इमरान खान ने कहा कि हम जनरल राहील को सलाम करते हैं. उल्लेखनीय है कि जनरल राहील का कार्यकाल इस साल के नवंबर में समाप्त हो रहा है.