चिकित्सा के क्षेत्र के लिए नोबल पुरस्कार देनेवाली समिति के दो जजों हैरियेट वालबर्ग और एंडर्स हैम्सटन को अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया है.
ये कार्रवाई इटली के एक ट्रांस्प्लांट सर्जन के स्कैंडल में घिरने के बाद हुई है.
स्वीडन की सरकार ने प्रतिष्ठित कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में उस पूरे बोर्ड को बर्ख़ास्त कर दिया जहां ये दोनों वैज्ञानिक काम करते थे.
इसके बाद इन दोनों को हटाने का निर्णय लिया गया.
इटली के डॉक्टर पाउलो मैकिरीनी सांस की नली के प्रत्यर्पण के मशहूर विशेषज्ञ माने जाते थे.
लेकिन दो मरीज़ों की मौत के बाद वो विवादों में घिर गए हैं.
उनपर अपने कार्यों के रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप लगा.
डॉक्टर मैकिरीनी अपने ख़िलाफ़ लगे सभी आरोपों को ख़ारिज करते हैं.
नोबल पुरस्कार समिति के जिन दो जजों को उनके पदों से हटाया गया है वे दोनों कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रमुख के पद पर रह चुके हैं.
इन दोनों ने भी डॉक्टर मैकिरीनी के बारे में दी गई चेतावनी की अनदेखी की थी.
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