17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इनोवेशन में भारत की दस्तक : देसी भाषाओं का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम

इनोवेशन में भारत की दस्तक – 9 : राकेश देशमुख की कंपनी ने स्मार्टफोन सॉफ्टवेयर में मचाया धमाल ‘इनोवेशन में भारत की दस्तक’ शृंखला की नौवीं कड़ी में आज पढ़ें राकेश देशमुख की कंपनी इंडस के बारे में. मोबाइल फोन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनानेवाली इस पूर्णत: देसी टेक कंपनी का ओएस 12 भारतीय भाषाओं […]

इनोवेशन में भारत की दस्तक – 9 : राकेश देशमुख की कंपनी ने स्मार्टफोन सॉफ्टवेयर में मचाया धमाल
‘इनोवेशन में भारत की दस्तक’ शृंखला की नौवीं कड़ी में आज पढ़ें राकेश देशमुख की कंपनी इंडस के बारे में. मोबाइल फोन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनानेवाली इस पूर्णत: देसी टेक कंपनी का ओएस 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. इंडस ओएस ने लॉन्च के छह महीनों के भीतर बीस लाख से अधिक इंस्टॉल्ड यूजर्स का आंकड़ा छू कर यूजर संख्या के मामले में ऐपल के आइओएस और माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज को काफी पीछे छोड़ दिया.
यह बात वर्ष 2014 की है. आइआइटी मुंबई के तीन पूर्व छात्रों – राकेश देशमुख, आकाश डोंगरे और सुधीर बी ने एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की योजना बनायी, जो पूरी तरह से देसी हो और क्षेत्रीय भाषा में भी इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सके. हालांकि, उस समय एंडॉयड, आइओएस और विंडोज जैसे दिग्गजों के होते हुए यह फैसला लेना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं था.
लेकिन, अपनी इच्छाशक्ति और परिपक्व योजना की वजह से उन्हें माइक्रोमैक्स जैसी बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी का साथ मिला. इसके अलावा, उनकी योजना से प्रभावित होकर ओमिदियार नेटवर्क, स्नैपडील और क्विकर के मालिक इनके आइडिया पर दावं लगाने को तैयार हो गये.
वर्ष 2015 की शुरुआत में इस पूर्णत: देसी टेक-कंपनी ने अपना कामकाज प्रारंभ किया. इंडस की टीम ने लगातार कोशिशों और नये-नये प्रोटोटाइप्स डेवेलप करने के बाद इंडस ओएस के नाम से अपना ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया. मुंबई स्थित इस कंपनी के ओएस की खूबियों की बात करें तो यह दुनिया का पहला क्षेत्रीय ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) है. 12 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध इस ओएस में भारत की 10 क्षेत्रीय भाषाएं शामिल हैं.
इसमें इस्तेमाल किया गया कीबोर्ड यूजर को कई सहूलियतें देता है. उदाहरण के तौर पर अगर यूजर इस कीबोर्ड से हिंदी या किसी अन्य भाषा में लिखता है, तो इसे मात्र एक टच में किसी दूसरी भाषा में ट्रांसलेट किया जा सकता है. साथ ही यह एक टच में ही एक लिपि से दूसरी लिपि में रूपातंरण की सुविधा भी देता है. जानकारों की मानें तो यह दुनिया का पहला ऐसा ओएस है जो उर्दू भाषा में लिप्यंतरण की सुविधा देता है जिसे दायीं से बायीं ओर पढ़ा जाता है.
मार्केट सर्वे करनेवाली संस्था काउंटरप्वाइंट के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2015 में आयी पूर्ण स्वदेशी कंपनी इंडस के ओएस ने 2016 के शुरुआती तीन महीनों में यूजर संख्या के मामले में ऐपल के आइओएस और माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज को काफी पीछे छोड़ दिया है. सर्वेक्षण के अनुसार, इन तीन महीनों में भारतीय बाजार में दो करोड़ 48 लाख मोबाइल बेचे गये. इनमें से 14 लाख यानी 5.6 प्रतिशत मोबाइल फोन्स में इंडस ओएस इस्तेमाल हुआ है.
इस मामले में वह एंडॉयड के बाद दूसरे स्थान पर रहा है, जिसका 83.8 प्रतिशत बाजार पर कब्जा है. अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम्स की बात करें तो चीनी कंपनी शाओमी का एमआइयूआइ ओएस 4.1 प्रतिशत के साथ तीसरे, माइक्रोमैक्स का साइनोजेन ओएस 2.8 प्रतिशत के साथ चौथे और 2.5 प्रतिशत के साथ ऐपल का आइओएस पांचवें स्थान पर रहा है. इस श्रेणी में माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज और सैमसंग के टाइजेन ओएस ने 0.3 प्रतिशत के साथ संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर जगह बनायी है.
इंडस कंपनी के सह-संस्थापक और सीइओ राकेश देशमुख कहते हैं, भारत में लगभग हर प्रांत की अपनी भाषा है और यह इस देश की एक खूबी भी मानी जाती है. लेकिन, तकनीकी विस्तार के रास्ते में यह खूबी ही सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है. उनके मुताबिक, आज सभी ऑपरेटिंग सिस्टम अंगरेजी भाषा में उपलब्ध हैं, जबकि भारत में 10 प्रतिशत से कम लोग ही ऐसे हैं, जो अपनी पहली भाषा के रूप में अंगरेजी का चयन करते हैं. अब ऐसे में केवल अंगरेजी के बल पर पूरे भारत को एक डिजिटल प्लैटफॉर्म पर लाना लगभग नामुमकिन है. उनके मुताबिक इस समय उनके कुल यूजर्स की संख्या 30 लाख है और हर महीने लगभग पांच लाख नये यूजर्स इंडस ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ रहे हैं.
इंडस ओएस की टीम को गहरी समझ है कि क्षेत्रीय भाषा की जनता कई वर्षों में विकसित हुई है और यह भारतीय इंटरनेट को चीन की बराबरी में लाना चाहता है. इस बारे में राकेश देशमुख कहते हैं कि इंडस ओएस अगले तीन वर्षों में 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने के लिए पूरी तरह तैयार है और यह अविवादित तौर पर उभरते बाजार में स्वदेशी-लैंग्वेज टेक्नोलॉजी में अग्रणी होगा.
(इनपुट : स्क्रॉल. इन से साभार)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें