‘..तो पाक दुनिया में अलग-थलग पड़ जाएगा’

Inayatulhaq Yasini BBC Afghan अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान मामलों पर अमरीका के विशेष दूत रिचर्ड ऑलसन ने पाकिस्तान को बेगैर भेदभाव सभी चरमपंथी गुटों को निशाना बनाने को कहा ओबामा प्रशासन ने कहा है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की जंग तब तक नहीं ख़त्म होगी जब तक वो अपनी ज़मीन से दूसरे देशों पर हमला करनेवाले गिरोहों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2016 10:23 AM
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अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान मामलों पर अमरीका के विशेष दूत रिचर्ड ऑलसन ने पाकिस्तान को बेगैर भेदभाव सभी चरमपंथी गुटों को निशाना बनाने को कहा

ओबामा प्रशासन ने कहा है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की जंग तब तक नहीं ख़त्म होगी जब तक वो अपनी ज़मीन से दूसरे देशों पर हमला करनेवाले गिरोहों को बर्दाश्त करने की नीति नहीं बदलता.

प्रशासन ने ये बयान अमरीकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सामने अफ़गानिस्तान पर हुई एक बहस के दौरान दिया है.

सवाल-जवाब के दौरान प्रशासन का प्रतिनिधित्व कर रहे अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान मामलों पर अमरीका के विशेष दूत रिचर्ड ऑलसन का कहना था कि पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत में ये स्पष्ट किया जा चुका है कि उन्हें बगैर भेदभाव के सभी चरमपंथी गुटों को निशाना बनाना होगा.

ऑलसन का ये भी कहना था कि क़बायली इलाक़ों में पाकिस्तानी फ़ौज की कार्रवाई बेहद अहम है और उन्हें चरमपंथियों के सुरक्षित ठिकानों को ख़त्म करने में कामयाबी भी मिली है.

उनका कहना था, "पाकिस्तान को सभी पनाहगाह ख़त्म करने होंगे और उन गुटों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करनी होगी जो पड़ोसी मुल्कों को निशाना बनाते हैं."

कुछ सीनेटरों की राय थी कि पाकिस्तान भरोसेमंद साझेदार नहीं है और हक्क़ानी नेटवर्क का साथ देकर अफ़गानिस्तान में अमरीका के ख़िलाफ़ काम कर रहा है.

उसके जवाब में ऑलसन का कहना था कि अगर पाकिस्तान इन गिरोहों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करता है तो इससे इलाक़े में स्थिरता क़ायम होगी, पड़ोसी देशों और अमरीका के साथ उसके ताल्लुक़ात बेहतर होंगे.

उनका कहना था, "लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो वो पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ जाएगा."

ऑलसन ने हक्क़ानी नेटवर्क और भारत के ख़िलाफ़ काम कर रहे गुटों पर कार्रवाई नहीं होने की एक वजह ये भी बताई कि पाकिस्तान देश के अंदर काम कर रहे चरमपंथी गुटों के साथ-साथ दूसरे गुटों के साथ भी एक नई जंग नहीं शुरू करना चाहता.

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अमरीका ने हाल में लड़ाकू विमानों की पाकिस्तान को बिक्री पर रोक लगा दी है.

उनका ये भी कहना था कि अफ़गानिस्तान में शांति राजनीतिक हल के ज़रिए ही कायम हो सकती है और उसके लिए अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बेहतर रिश्ते ज़रूरी हैं.

पिछले महीनों में अमरीकी कांग्रेस में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नाराज़गी बढ़ी है और उसका असर एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री और तीस करोड़ डॉलर की मदद पर लगाई गई रोक पर भी नज़र आया है.

पाकिस्तान की शिकायत रही है कि वो चरमपंथ के ख़िलाफ़ जितनी भी कार्रवाई करे उससे हमेशा और करने की उम्मीद की जाती है.

बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने अपने बयान में कहा कि दुनिया को ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि पाकिस्तान अफ़गानिस्तान की जंग लड़ेगा.

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