वॉशिंगटन : एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान पर शासन करने के लिए जिहादी चरमपंथ का उपयोग करने और देश में अन्य संस्कृतियों को दमन करने का आरोप लगाते हुए इस्लामाबाद को चेताया है कि अगर यही सिलसिला जारी रहा तो उसे वर्ष 1971 के विभाजन जैसे हालात का सामना करना पड सकता है. कांग्रेस के ब्रैड शरमन ने कल एक कार्यक्रम में कहा ‘जो लोग सोचते हैं कि वे अन्य संस्कृतियों पर हमले कर तथा उनका दमन कर पाकिस्तान को एकजुट रख सकते हैं, उन्हें ढाका जाना चाहिए.’
शरमन सदन की एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर विदेश मामलों की उप समिति के सदस्य भी हैं. ‘सिंधी फाउंडेशन’ में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एक के बाद एक आती गईं पाकिस्तानी सरकारें, खास कर वर्तमान सरकार ने सिंधियों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर पर चरणबद्ध तरीके से हमले करने की कोशिश की है. वॉशिंगटन स्थित ‘सिंधी फाउंडेशन’ ने सिंधी भाषा एवं लोगों की सुरक्षा के प्रयासों के लिए शरमन को सम्मानित किया. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि यह (सरकार) समृद्ध सिंधी भाषा और संस्कृति का ‘दमन’ करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग कर रही है.
शरमन ने कहा कि अगर इस्लामाबाद सोचता है कि संस्कृतियों का दमन करने की कम या ज्यादा कोशिश उसकी भूभागीय एकता को बनाए रखने का तरीका है तो ऐसी सोच वालों को बांग्लादेश की ओर देखना चाहिए. कराची स्थित ‘सिंध यूनाइटेड पार्टी’ के अध्यक्ष सैयद जलाल मोहम्मद शाह ने दावा किया कि ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ की वजह से आज पाकिस्तान में धार्मिक चरमपंथ का बोलबाला है.