खराब इंप्रेशन बदलने की कोशिश नहीं छोड़ें

कौशलेंद्र रमण अंग्रजी में एक कहावत है-फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन. यह कहावत बहुत हद तक सही है. लेकिन, अगर पहली मुलाकात में आप पर सामनेवाले का इंप्रेशन खराब हो जाता है, तो इसका यह मतलब नहीं कि आप कोशिश करना छोड़ दें. सौरव यही करनेवाला था. अपने नये क्लायंट के साथ पहली मीटिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2016 4:52 AM

कौशलेंद्र रमण

अंग्रजी में एक कहावत है-फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन. यह कहावत बहुत हद तक सही है. लेकिन, अगर पहली मुलाकात में आप पर सामनेवाले का इंप्रेशन खराब हो जाता है, तो इसका यह मतलब नहीं कि आप कोशिश करना छोड़ दें. सौरव यही करनेवाला था. अपने नये क्लायंट के साथ पहली मीटिंग के बाद उसे लगा कि बात नहीं बनेगी. वह उन्हें इंप्रेस करने में सफल नहीं हुआ. वह उस क्लायंट के पास दोबारा नहीं जाने का मन बना चुका था. जब यह बात उसके मित्र अमित को पता चली तब उसने समझाते हुए कहा-पहले इंप्रेशन को बदलना मुश्किल होता है, लेकिन नामुमकिन नहीं. अमित ने बताया कि उस क्लायंट के साथ अपनी दूसरी मीटिंग में वह कुछ बातों का ध्यान रखे. पहला, पिछली मीटिंग की कमियों के लिए माफी मांग ले, इससे क्लायंट प्रभावित होंगे. माफी मांगना साहस का काम है.

दूसरा, क्लायंट के सामने अपना ऐसा पक्ष दिखाये जो पहली मुलाकात में उनके सामने नहीं आया हो. तीसरा, वह यह ध्यान रखे कि पहली मीटिंग में बनी इमेज को दूसरी मीटिंग में नहीं बदला जा सकता है. इसमें समय लगता है, इसलिए किसी चमत्कारिक परिणाम की आशा कर मीटिंग में नहीं जाये. चौथा और अंतिम, इस बात का ध्यान रखे कि वह हर किसी को संतुष्ट नहीं कर सकता है. मित्र की सलाह पर सौरव ने एक चांस लेने की सोची. वह उसी क्लायंट से मिलने गया. मीटिंग खत्म होने के बाद उसे लगा कि इस क्लायंट को छोड़ना नहीं चाहिए, एक-दो बार और बात होगी तो काम बन जायेगा. सौरव ने तुरंत फोन कर अपने दोस्त का शुक्रिया अदा किया.

यह समस्या सिर्फ सौरव की नहीं, हम में से बहुतों की है जो पहली बार में खराब इंप्रेशन बनने पर हार मान लेते हैं. यह नकारात्मक सोच हैं. इंप्रेशन को बदलने की कोशिश नहीं छोड़नी चाहिए. यह थोड़ा मुश्किल काम है, लेकिन नामुमकिन नहीं. इससे समस्याओं से जूझने का हौसला भी मिलता है.

kaushalendra.raman@prabhatkhabar.in

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