सर्जिकल स्ट्राइक: भारत की शिकायत लेकर पाकिस्तान पहुंचा संयुक्त राष्ट्र के द्वार

संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक की शिकायत संयुक्त राष्ट्र से करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच बढते संकट का जिम्मेदार भारत है. पड़ोसी मुल्क ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से कहा कि नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमला करने का भारत का दावा गलत है और ‘‘बढते संकट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 1:45 PM

संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक की शिकायत संयुक्त राष्ट्र से करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच बढते संकट का जिम्मेदार भारत है. पड़ोसी मुल्क ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से कहा कि नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमला करने का भारत का दावा गलत है और ‘‘बढते संकट की जिम्मेदारी पूरी तरह भारत पर है.” संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने बान की मून के साथ अपनी बैठक के दौरान उनसे कहा कि पाकिस्तान ने अधिकतम संयम का परिचय दिया है लेकिन किसी भी तरह की आक्रामकता और उकसावे का वह जोरदार जवाब देगा.

यहां पाकिस्तान के मिशन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमला करने का भारत का ‘‘दावा” ‘‘गलत” है लेकिन भारत ने खुद माना है कि उसने पाकिस्तान के खिलाफ ‘‘आक्रामकता दिखायी” है. विज्ञप्ति के अनुसार मलीहा ने कहा कि ‘‘बढते संकट के लिए भारत पूरी तरह जिम्मेदार है.” उन्होंने मून को बिगडते हालात की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘भारत ने अपनी घोषणाओं एवं कार्रवाई द्वारा ऐसी स्थितियां पैदा की हैं जिनसे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा हो गया है.” मलीहा ने कहा कि भारत ने ‘‘कश्मीर में जारी असंतोष ” से दुनिया भर का ध्यान भटकाने के लिए यह संकट पैदा किया है. उन्होंने साथ ही मून से कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित गंभीर उल्लंघन को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की.

मलीहा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सचिव ‘‘संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत” भारत से उसकी ‘‘आक्रामक कार्रवाइयों एवं उकसावे” को रोकने की मांग कर ‘‘निडरता से एवं साफ तौर पर हस्तक्षेप करने” के लिए ‘‘बंधे ‘ हैं ताकि इससे हम और खतरनाक स्थिति की तरफ ना बढे. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफान दुजार्रिक ने इससे पहले कहा कि मलीहा की बैठक उनके अनुरोध पर ही तय की गयी और मून का कार्यालय स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के ब्यौरे नहीं देता.

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