जापान के योशिनोरी ओहसुमी को स्वास्थ्य के लिए मिलेगा नोबेल पुरस्कार
स्टॉकहोम/टोक्यो :जापान के जैव-वैज्ञानिक योशिनोरी ओहसुमी को स्वास्थ्य क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. योशिनोरी ओसुमी ने मानव शरीर की कोशिकाओं पर शोधकार्य किया है. उन्होंने अपने शोध में शरीर के उन कोशिकाओं का खोज किया है जो शरीर से विषैले तत्व को खत्म व मरम्मत का काम करते हैं. ‘मेकानिज्म […]
स्टॉकहोम/टोक्यो :जापान के जैव-वैज्ञानिक योशिनोरी ओहसुमी को स्वास्थ्य क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. योशिनोरी ओसुमी ने मानव शरीर की कोशिकाओं पर शोधकार्य किया है. उन्होंने अपने शोध में शरीर के उन कोशिकाओं का खोज किया है जो शरीर से विषैले तत्व को खत्म व मरम्मत का काम करते हैं.
‘मेकानिज्म फॉर ऑटोफेगी’ के लिए योशिनोरी ओहसुमी को 18000 यूरो की राशि दी जायेगी. दरअसल ‘ऑटोफेगी’ शरीर में एक किस्म का रिसायकलिंग प्रोग्राम है. यह शरीर के लिए बेहद जरूरी प्रक्रिया है. योशिनोरी ओहसुमी के नये शोध के मुताबिक कोशिकाओं के ऑटोफेगी’ प्रक्रिया इंसान को मधुमेह जैसे बीमारी से बचता है. योशिनोरी ओसुमी 1990 से इस शोधकार्य में लगे थे.
टोक्यो यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले ओहसुमी ने रॉकफेलर यूनिवर्सिटी से पोस्ट-डॉक्टरल की डिग्री हासिल की है. 1977 में रिसर्च एसोशिएट की पद पर काम करने वाले ओहसुमी को 1986 में टोक्यो यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के पद पर नियुक्त किया गया. 1986 में वो नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ बेसिक बॉयोलॉजी में काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने प्रोफेसर का पद संभाला.