सेना में टकराव की खबर देने वाले ”डॉन अखबार” के पत्रकार पर सरकार ने गिरायी गाज

इस्लामाबाद : एक अहम बैठक में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच संदिग्ध दरार की खबर देने वाले एक प्रसिद्ध पत्रकार को देश छोडने से रोक दिया गया है. इस बैठक में आईएसआई को कथित तौर पर कहा गया था कि आतंकी समूहों को उसके समर्थन के कारण देश वैश्विक रुप से अलग-थलग पड रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2016 10:46 AM

इस्लामाबाद : एक अहम बैठक में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच संदिग्ध दरार की खबर देने वाले एक प्रसिद्ध पत्रकार को देश छोडने से रोक दिया गया है. इस बैठक में आईएसआई को कथित तौर पर कहा गया था कि आतंकी समूहों को उसके समर्थन के कारण देश वैश्विक रुप से अलग-थलग पड रहा है.

द डॉन के स्तंभकार और संवाददाता सिरिल अलमीडा ने ट्वीट करके कहा कि उन्हें ‘निकास नियंत्रण सूची’ में रखा गया है. यह पाकिस्तान सरकार की सीमा नियंत्रण की व्यवस्था है, जिसके तहत सूची में शामिल लोगों को देश छोडने से रोका जाता है.अलमीडा ने ट्वीट किया, ‘‘उलझन में हूं, दुखी हूं. कहीं जाने का कोई इरादा नहीं था. यह मेरा घर है पाकिस्तान.’ इस घटना से एक सप्ताह पहले ही अलमीडा ने द डॉन में पहले पन्ने पर पाकिस्तान के असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच की दरार को लेकर खबर लिखी थी.

उन्होंने लिखा था कि इस दरार की वजह वे आतंकी समूह हैं, जो पाकिस्तान से संचालित होते हैं लेकिन भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ युद्धरत रहते हैं. अलमीडा ने छह अक्तूबर को, सूत्रों का हवाला देते हुए द डॉन में लिखा था कि असैन्य सरकार ने सैन्य नेतृत्व से कहा है कि पाकिस्तान का बढता अंतरराष्ट्रीय विलगाव आतंकवाद को कथित समर्थन के चलते है.

https://twitter.com/cyalm/status/785600163595321344

पाकिस्तान सरकार इस खबर को तब से तीन बार नकार चुकी है. विदेश मंत्रालय ने इस खबर को जोरदार ढंग से खारिज करते हुए इसे ‘कयासबाजी’ करार दिया। कल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अधिकारियों को आदेश दिए कि वे इस ‘‘मनगढंत’ खबर को छापने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ‘‘कडी कार्रवाई’ करें. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने इस उल्लंघन का कडा संज्ञान लिया है और निर्देश दिया है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई के लिए उनकी पहचान की जानी चाहिए.’ अलमीदा की यह खबर उरी में 18 सितंबर को भारतीय सैन्य अड्डे पर हुए हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढते तनाव की पृष्ठभूमि में आई थी. पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा सैन्य अड्डे पर किए गए हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए थे.

https://twitter.com/cyalm/status/785648230235246592

इसके बाद 29 सितंबर को भारत ने नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी ठिकानों पर ‘लक्षित हमले’ किए थे. सेना ने कहा था कि उसने पाक अधिकृत कश्मीर में घुसने की तैयारी कर रहे आतंकियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. पाकिस्तान ने भारत की ओर से किसी भी लक्षित हमले से इंकार करते हुए दावा किया कि भारतीय सैनिकों की ओर से नियंत्रण रेखा पर कथित संघर्षविराम उल्लंघन में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं.

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