गर्भनिरोधी दवा से डिप्रेशन का जोखिम

हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव जैसी गर्भनिरोधी दवाएं लेनेवाली महिलाओं में डिप्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है और इससे बचाव के लिए उन्हें एंटी-डिप्रेशन दवाएं लेनी पड़ती है. ‘साइंस एलर्ट’ के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगेन के शोधकर्ताओं ने एक नये शोध में पाया है कि गर्भनिरोध के लिए दुनियाभर में महिलाओं द्वारा अपनाये जा रहे ज्यादातर तरीकों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2016 12:10 AM
हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव जैसी गर्भनिरोधी दवाएं लेनेवाली महिलाओं में डिप्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है और इससे बचाव के लिए उन्हें एंटी-डिप्रेशन दवाएं लेनी पड़ती है. ‘साइंस एलर्ट’ के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगेन के शोधकर्ताओं ने एक नये शोध में पाया है कि गर्भनिरोध के लिए दुनियाभर में महिलाओं द्वारा अपनाये जा रहे ज्यादातर तरीकों में प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, जिस कारण यह समस्या पायी गयी है.
दुनियाभर में करोड़ों महिलाएं हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करती हैं, जिनमें से ज्यादातर इसे खानेवाले टैबलेट के रूप में लेती हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि नवयुवतियों द्वारा हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव के इस्तेमाल करने के मामले में डिप्रेशन ज्यादा पाया गया है, जिससे बचाव के लिए एंटी-डिप्रेशन दवाएं लेनी होती हैं. हालांकि, इस पिल और डिप्रेशन के बीच आपसी संबंध के बारे में पहले की कई रिपोर्ट में भी चर्चा की गयी है, लेकिन बड़े स्तर पर यह पहला शोध अध्ययन है, जिसमें इसके स्पष्ट साक्ष्य मिले हैं.

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