मास्को/नयी दिल्ली: सीरिया को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है. रूस की सेना के द्वारा की जा रही तैयारी कुछ खास संकेत भी दे रही है. इन दोनों के बीच बढ़ रहे तनाव को विश्व युद्द में तब्दील होने की संभावना भी जतायी जा रही है. व्लादिमीर पुतिन को कड़े फैसले लेने के लिए जाना जाता है. एक न्यूज वेबसाइट में चल रही खबरों के अनुसार रूस ने उच्च अधिकारियों, राजनेताओं और उनके परिवार को वापस लौटने का अनुरोध किया है.
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सीरिया को लेकर तनातनी, रूस कर रहा है जंग की तैयारी !
मास्को/नयी दिल्ली: सीरिया को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है. रूस की सेना के द्वारा की जा रही तैयारी कुछ खास संकेत भी दे रही है. इन दोनों के बीच बढ़ रहे तनाव को विश्व युद्द में तब्दील होने की संभावना भी जतायी जा रही है. व्लादिमीर पुतिन को कड़े फैसले […]
रूस ने बुधवार को अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइलों का भी परीक्षण किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रूस की सेना ने जापान के उत्तर में तैनत अपनी सबमरीन से न्यूक्लियर वॉरहेड ढोने की क्षमता वाले रॉकेट का भी परीक्षण किया है. रूस की स्थानीय मीडिया के अनुसार घरेलू साइट से भी मिसाइल छोड़ी गयी है. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खबर है कि रूस ने पोलैंड और तिथुवानिया की सीमा पर न्यूक्लियर क्षमता वाली मिलाइल तैनात की है. रूस के इन कदमों को अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ने वालाकहा जा रहा है. रूस ने इन फैसलों से सीधे संकेत दे दिया है कि वो सीरिया को लेकर किसी समझौते को तैयार नहीं है.
सीरिया को लेकर रूस और अमेरिका के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है. अमेरिका का साथ देने वाले देश रूस की सीरिया में भूमिका की आलोचना कर रहे हैं. फ्रांस ने हाल में ही रूस पर सीरिया में युद्ध अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया था, यही कारण रहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपना फ्रांस दौरा रद्द कर दिया. रूस और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जतायी जा रही है कि दुनिया एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर है. सीरिया में तनाव को लेकर दोनों देश अलग-अलग धड़े का समर्थन कर रहे हैं. अमेरिका जहां असद विरोधियों के साथ है वहीं रूस असद सरकार के साथ खड़ा है.
अमेरिका ने रूस के साथ बातचीत बंद कर दी थी लेकिन अब संभावना जतायी जा रही है कि दोनों देश एक बार फिर बातचीत के टेबल पर वापस आ सकते हैं. रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव और उनके अमरीकी समकक्ष जॉन केरी शनिवार को स्विट्ज़रलैंड में मिलेंगे. संभव है कि इस मुलाकात से दोनों देश मिलकर कोई आम सहमति का रास्ता निकाल लें. इस बातचीत में सऊदी अरब, तुर्की और ईरान के भी शामिल होने की संभावना है.
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