पाक ने की कश्मीर में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की मांग, भारत ने किया खारिज

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कश्मीर में महिलाओं की स्थिति के बारे में पाकिस्तान की चर्चा को दृढता से खारिज करते हुए कहा है कि ‘‘पाकिस्तान के गुर्गों” की तरफ से लगातार की गई आतंकवादी गतिविधियों के चलते निर्दोष भारतीय महिलाओं को लंबे समय तक झेलना पडा.संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में काउंसेलर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2016 11:59 AM

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कश्मीर में महिलाओं की स्थिति के बारे में पाकिस्तान की चर्चा को दृढता से खारिज करते हुए कहा है कि ‘‘पाकिस्तान के गुर्गों” की तरफ से लगातार की गई आतंकवादी गतिविधियों के चलते निर्दोष भारतीय महिलाओं को लंबे समय तक झेलना पडा.संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में काउंसेलर मयंक जोशी ने यह कहते हुए जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के बारे में पाकिस्तान के ‘‘निराधार आरोपों” को ‘‘पूरी तरह” खारिज कर दिया कि ‘‘असल में” यह निर्दोष भारतीय महिलाएं हैं जिन्होंने ‘‘पाकिस्तान के गुर्गों की तरफ से लगातार की जा रही आतंकवादी कार्रवाइयों के चलते लंबे समय तक झेला है.”

कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की विशेष दूत शज्रा मंसब अली खां ने 11 अक्तूबर को सामाजिक और मानवीय मुद्दों पर चर्चा करने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की ‘तृतीय समिति’ के ‘महिलाओं के उत्थान’ सत्र के दौरान कश्मीर में महिलाओं की स्थिति की चर्चा की थी। इसपर जोशी ने जवाब देने के भारत के अधिकार का उपयोग किया.
शज्रा ने कहा था कि सशस्त्र झडपें और अवैध कब्जे महिलाओं की दुर्दशा बिगाडते है. पाकिस्तानी राजनयिक ने कश्मीर के हालात का जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘हजारों महिलाएं निर्मम उत्पीडन और कब्जे का शिकार बनी हैं. अनगिनत अन्य हिंसा के बदतरीन और सर्वाधिक आघाती रुप, बलात्कार एवं यौन उत्पीडन से गुजरी हैं.”
कुछ इलाकों में अभी भी कर्फ्यू जारी
श्रीनगर के भीतरी इलाकों में एहतियाती उपाय के रुप में आज कर्फ्यू जारी है. साथ ही घाटी में 97 वें दिन आज जनजीवन प्रभावित हुआ है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर शहर के पांच थाना क्षेत्र अन्तर्गत इलाकों में कर्फ्यू जारी है. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय के रुप में नाउहट्टा, खानयानर, रैनवारी, सफकदल और महराज गंज थाना क्षेत्र में लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी है. अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में कहीं अन्यलोगों की गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं. पूरी घाटी में धारा 144 सीआरपीसी के तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी है.
उन्होंने बताया कि लोगों में सुरक्षा की भावना बढाने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि लोग बिना भय के अपना दैनिक कामकाज कर सकें. यहां के व्यपारिक गतिविधियों के केंद्र लाल चौक के ईद-गिर्द सहित शहर के सिविल लाइन्स इलाकों में निजी वाहनों और ऑटो रिक्शाओं की संख्या में बढोतरी देखने को मिली है.
हालांकि, दक्षिण कश्मीर में आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में लगातार 97 वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ है. अशांति के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के साथ संघर्षों में दो पुलिसकर्मी सहित 84 लोगों की जान चली गयी और हजारों लोग घायल हुये हैं. अशांति का चौथा महीना शुरु हो गया है और दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठानें, पेट्रोल पंप और शैक्षणिक प्रतिष्ठान बंद है जबकि सार्वजनिक परिवहन सडकों से नदारद है. अलगाववादियों द्वारा सप्ताह के कुछ दिनों में समय-समय पर छूट की घोषणा के दौरान दुकान और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल रहे हैं.

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