लंदन : गुजरात में 2002 में हुए दंगो के मामले में वांछित 40 वर्षीय व्यक्ति को ब्रिटेन भारत को प्रत्यर्पित करेगा ताकि वह वहां मुकदमे का सामना करे. यह जानकारी आज गृह कार्यालय ने दी. भारतीय अधिकारियों द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर स्कॉटलैंड यार्ड ने अगस्त के महीने में समीर विनूभाई पटेल को पश्चिम लंदन से गिरफ्तार किया था. उसके प्रत्यर्पण के आदेश पर ब्रिटेन के गृह मंत्री अम्बेर रड ने 22 सितंबर को दस्तखत कर दिए थे और अधिकारी अब उसे सौंपने की व्यवस्था को अंतिम रुप देने की प्रक्रिया में है.
ब्रिटेन के गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने आज कहा कि 22 सितंबर को गृह मंत्री (रड) ने सभी प्रासगिंक मामलों पर विचार करते हुए समीर भाई विनूभाई पटेल को भारत को प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे. वह दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोपी है और उस पर हत्या के तीन, अन्य के साथ मिलकर हिंसा करने के दो और आगजनी का एक आरोप है.
गुजरात पुलिस के मुताबिक, पटेल आणंद जिले के ओड़े गांव में हुए दंगों के मामले में वांछित है. वह कुछ साल पहले जमानत पर बाहर आने के बाद ब्रिटेन भाग गया था. ऐसा समझा जाता है कि अधिकारियों की एक टीम इस हफ्ते तक उसे वापस भारत ले जाने के लिए रास्ते में है. यूके क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के एक बयान में कहा गया है कि हम पुष्टि कर सकते हैं कि पटेल ने भारत को प्रत्यर्पण के लिए सहमति दे दी गयी है. एक मार्च 2002 को ओडे गांव के पीरवाली भोगल इलाके में मुस्लिम समुदाय के 23 लोगों को जिंदा जला दिया गया था. पटेल और दो अन्य आरोपियों पर उस वक्त दंगाई भीड का हिस्सा होने का आरोप है. ये दो आरोपी अब भी फरार हैं. पटेल पश्चिम लंदन के हाउंस्ले में एक घर में रह रहा था जब यह पता चला तो नौ अगस्त को स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे गिरफ्तार कर लिया. भारत और ब्रिटेन के बीच 1993 से प्रत्यर्पण संधि है.