सरकार और पाक सेना के बीच मतभेद बढ़े, नवाज पर खबर लीक कराने का आरोप !

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच अनबन की खबरें अब सार्वजनिक हो गयी हैं. दोनों मिलकर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है लेकिन सरकार और सेना के बीच के मनमुटाव अब खुलकर सामने आने लगे हैं. पाक सेना के आर्मी चीफ राहिल शरीफ ने शुक्रवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2016 8:53 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच अनबन की खबरें अब सार्वजनिक हो गयी हैं. दोनों मिलकर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है लेकिन सरकार और सेना के बीच के मनमुटाव अब खुलकर सामने आने लगे हैं. पाक सेना के आर्मी चीफ राहिल शरीफ ने शुक्रवार को शीर्ष कमांडरों के साथ हुई बैठक में इस खबर को लीक करने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि दोनों आधिकारिक तौर पर इसे नकारने में लगे हैं.

पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने पिछले हफ्ते एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान आतंकवाद से निपटने को लेकर देश के सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच अनबन की खबर लीक होने पर आज ‘‘गंभीर चिंता” जतायी. खबर सामने आने के बाद उसके रिपोर्टर के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गयी. सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने रावलपिंडी जनरल हेडक्वार्टर्स में हुई कोर कमांडर कांफ्रेंस की इस बैठक की अध्यक्षता की.

सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री के घर पर हुई एक अहम सुरक्षा बैठक की फर्जी एवं मनगढंत खबर देने पर अपनी गंभीर चिंता जतायी और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन माना. ” पाकिस्तान के शीर्ष अखबार डॉन ने पिछले हफ्ते अपनी एक खबर में कहा था कि हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों को सेना के परोक्ष समर्थन को लेकर असैन्य सरकार एवं सैन्य प्रतिष्ठान के बीच तनातनी हुई थी.
खबर के बाद पत्रकार सायरिल अलमिदा के पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गयी जिससे देश के पत्रकार संघ काफी आक्रोशित हैं. प्रतिष्ठित अखबार ने ‘‘निहित स्वार्थ और गलत रिपोर्टिंग” के आरोपों को खारिज करते हुए एक संपादकीय प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि सरकार और सेना के बीच तनातनी से जुडी अलमिदा की खबर ‘‘विधिवत सत्यापित की गयी है और यह पूरी तरह सही रिपोर्टिंग है.”
प्रधानमंत्री के कार्यालय ने गत छह अक्तूबर को खबर आने के बाद से दोनों प्रतिष्ठानों के बीच किसी तरह की अनबन से लगातार इनकार किया है. सेना ने कहा कि आज की बैठक में प्रतिभागियों ने नियंत्रण रेखा के माहौल और सेना की अभियान संबंधी तैयारी पर खास ध्यान देते हुए आतंरिक एवं बाहरी सुरक्षा की स्थिति की व्यापक समीक्षा की.
पाकिस्तान ने आलोचना के बाद पत्रकार की यात्रा पर लगी रोक हटायी
पाकिस्तान ने देश के एक प्रमुख पत्रकार की विदेश यात्रा पर लगी रोक आलोचनाओं के बाद आज हटा ली जिसने देश में आतंकवादी समूहों को शक्तिशाली आईएसआई के परोक्ष समर्थन को लेकर सरकार और सैन्य नेतृत्व के बीच एक दरार पडने की खबर दी थी. डान समाचारपत्र के पत्रकार सायरिल अलमिदा पर यात्रा प्रतिबंध लगाने को लेकर मीडिया घरानों, पत्रकार संगठनों एवं नागरिक समाज की ओर से सरकार एवं सेना की व्यापक आलोचना की गई थी. अलमिदा का नाम इस सप्ताह ‘निकास नियंत्रण सूची’ :एक्जिट कंट्रोल लिस्ट: में डाल दिया गया था जब उन्होंने आतंकवादियों को आईएसआई के समर्थन को लेकर सेना और सरकार के बीच मौखिक टकराव होने की खबर दी थी.
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘यह निर्णय किया गया है कि सायरिल अलमिदा का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाया जाए.” उसने कहा, ‘‘सभी संबंधितों से इस मामले में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया जाता है.” निर्णय तब किया गया जब पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने मीडिया प्रतिनिधि संगठनों, ‘‘आल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी और काउंसिल आफ पाकिस्तान न्यूजपेपर एडिटर्स के प्रतिनिधियों से इस्लामाबाद में मुलाकात की. यह मुलाकात तब हुई जब सरकार को अलमिदा की यात्रा पर रोक लगाने के अपने निर्णय को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पडा.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रेस एवं मीडिया की स्वतंत्रता को पूरा सहयोग दोहराते हुए और एक सद्भावना संदेश के तहत गृह मंत्रालय ने आज उस पत्रकार का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाने का आदेश दिया जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक की गलत और गढी हुई खबर दी थी.” गृह मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में दोहराया कि स्वतंत्र मीडिया को राष्ट्रीय हितों की ‘‘रक्षा” में न केवल भूमिका निभानी चाहिए बल्कि देश के शत्रुओं के नकारात्मक दुष्प्रचार का जवाब भी देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर अनाम सूत्रों के हवाले से असत्यापित एवं काल्पनिक खबरों से बचना चाहिए. बैठक में हिस्सा लेने वाले पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि सरकार का प्रेस की आजादी में मजबूती से विश्वास है और उसने बार बार साबित किया है कि वह मामले पर समझौता नहीं कर सकती.
सरकार ने इसकी जांच शुरु कर दी है कि बैठक की जानकारी किसने लीक की. गृह मंत्री खान ने कहा कि समाचार लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाएगा. बयान में कहा गया, ‘‘पत्रकार का नाम हटाने से मामले की जांच किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगी और जांच तार्किक निष्कर्ष तक जारी रहेगी .” डान ने कहा है कि उसकी खबर सही थी और उसने प्रकाशन से पहले सूचना का ‘‘पूरी तरह सत्यापन” किया था.

Next Article

Exit mobile version