सिंधु जल संधि के उल्लंघन की स्थिति में पाक ने कार्रवाई की चेतावनी दी

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज भारत को सिंधु जल संधि के उल्लंघन की स्थिति में ‘उचित कार्रवाई’ की चेतावनी दी और कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘भारत द्वारा किसी भी तरह के उल्लंघन की स्थिति में उचित कार्रवाई की जायेगी.’ रेडियो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2016 10:11 PM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज भारत को सिंधु जल संधि के उल्लंघन की स्थिति में ‘उचित कार्रवाई’ की चेतावनी दी और कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘भारत द्वारा किसी भी तरह के उल्लंघन की स्थिति में उचित कार्रवाई की जायेगी.’ रेडियो पाकिस्तान के अनुसार जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. जकारिया की टिप्पणी उन खबरों के बीच आयी है, जिसमें कहा गया है कि भारत 56 वर्ष पुरानी सिंधु जल संधि की समीक्षा कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर में किये जा रहे ‘अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघनों’ से ध्यान हटाने के लिए ऐसी कोशिश कर रहा है.”

जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में भारत की ज्यादतियों को दुनिया के मंचों पर उठाता रहा है, जिसका ‘बहुत ठोस परिणाम’ भी देखने को मिला है लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्थिति को लेकर अब भी चिंतित है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि भारत ने इस वर्ष अब तक नियंत्रण रेखा पर 90 से अधिक बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान को अलग-थलग करने का विचार हास्यास्पद है.

उन्होंने साथ ही कहा कि भारत के ‘नकारात्मक रवैये’ की पोल खुल गयी है जो क्षेत्रीय विकास और उन्नति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा रही है. पाकिस्तानी कलाकारों के साथ भारत के बर्ताव को जकारिया ने ‘बहुत निराशाजनक और खेदजनक ‘ बताया और ‘अपने राजनीतिक मकसद के लिए दक्षेस के इस्तेमाल’ के भारत के निर्णय की निंदा की. उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को बहुत अधिक खतरनाक बताते हुए ‘मध्यस्थ या पंच’ की भूमिका निभाने की पेशकश की थी.

जकारिया ने कहा कि आम तौर पर पाकिस्तान मीडिया की खबरों पर टिप्पणी नहीं करता लेकिन इस मामले में वह मध्यस्थता की पेशकश का स्वागत करता है. उन्होंने कहा कि वे लोग अपने अमेरिकी दोस्तों से लगातार यह आग्रह कर रहे हैं कि वे पाकिस्तान और भारत के बीच के द्विपक्षीय मुद्दों खासकर कश्मीर विवाद को सुलझाने की दिशा में अपनी भूमिका का निर्वहन करे.

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