जेएनयू: ‘नजीब को ढ़ूढ़ने में प्रशासन लापरवाह’

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नज़ीब अहमद नाम के एक छात्र के लापता हो जाने को लेकर मामला गर्माता जा रहा है. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि वो पुलिस के साथ मिलकर स्कूल ऑफ बायो टेक्नोलॉजी के छात्र नज़ीब अहमद की तलाश करने की भरपूर कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी ओर छात्रसंघ ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2016 10:19 AM
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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नज़ीब अहमद नाम के एक छात्र के लापता हो जाने को लेकर मामला गर्माता जा रहा है.

जेएनयू प्रशासन का कहना है कि वो पुलिस के साथ मिलकर स्कूल ऑफ बायो टेक्नोलॉजी के छात्र नज़ीब अहमद की तलाश करने की भरपूर कोशिश कर रही है.

वहीं दूसरी ओर छात्रसंघ ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कहा है कि आज छात्रसंघ इस मसले को लेकर गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेगा.

सैकड़ों छात्र नज़ीब को जल्द तलाश किए जाने की मांग के साथ प्रशासनिक भवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन करते दिखे. इससे पहले बुधवार की रात जेएनयू छात्रों ने कुलपति और अन्य अधिकारियों को तकरीबन 20 से 22 घंटों तक प्रशासनिक भवन से बाहर नहीं निकलने दिया.

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नजीब अहमद की मां फ़ातिमा नफ़ीस

छात्रों की घेराबंदी से बाहर निकलने के बाद कुलपति जगदीश कुमार ने छात्रों पर उन्हें गलत तरीके से बंधक बनाने के आरोप लगाए हैं.

हालांकि इन आरोपों को छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे ने खारिज किया है.

कुलपति ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस की मदद से लापता छात्र को ढूंढने की कोशिश कर रहा है.

उन्होंने कहा, "हम नज़ीब अहमद को तलाशने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठा रहे हैं. हमने पुलिस की मदद ली है और लगातार उनसे संपर्क में हैं. हमने मीडिया और यूनिवर्सिटी की वैबसाइट के ज़रिए नज़ीब अहमद से अपील की है कि वे बिना किसी भय के वापस लौट आएं और अपनी पढ़ाई जारी रखें. एक निष्पक्ष जांच शुरू कर दी गई है."

इधर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने पुलिस कमिश्‍नर आलोक वर्मा से बात की है.

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इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया है. पुलिस ने नज़ीब अहमद के बारे में सूचना देने वाले के लिए 50 हज़ार के ईनाम की भी घोषणा की है.

छात्रों की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों को कथित तौर पर बंधक बनाए जाने की केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने आलोचना की है.

उन्होंने कुछ छात्रों पर राजनीति करने के आरोप लगाते हुए कहा, ”वहां कुछ छात्र ऐसी कार्रवाई करते रहते हैं, जिससे जेएनयू की भी बदनामी होती है और छात्रसंघ भी बदनाम होता है.”

हालांकि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष मोहित पांडे ने बीबीसी से बात करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के घेराव को लोकतांत्रिक दायरे में बताया है.

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उन्होंने कहा, ”प्रदर्शन करना एक लोकतांत्रिक माध्यम है. इसमें कुछ भी गलत नहीं. क्योंकि हमारा एक साथी गायब है तो सबसे अहम है उन्हें वापस लेकर आना.”

मोहित ने यह भी बताया है कि जेएनयू छात्र संघ ने अपनी एक बैठक में आज गृह मंत्रालय के सामने प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.

रिपोर्टों के मुताबिक 14 अक्टूबर की रात जेएनयू के माही मांडवी हॉस्टल में कुछ छात्रों के बीच झड़प हुई जिसके बाद से नजीब लापता है.

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